यूट्यूबर मोहक के वीडियो से हड़कंप: ANI पर लगाया उगाही रैकेट चलाने का आरोप
देश की प्रमुख समाचार एजेंसी ANI पर गंभीर आरोप लगे हैं। लोकप्रिय यूट्यूबर मोहक ने एक वीडियो में दावा किया कि ANI यूट्यूब की कॉपीराइट स्ट्राइक प्रणाली का दुरुपयोग कर रही है और इसे एक “उगाही रैकेट” की तरह चला रही है।
मोहक का कहना है कि ANI ने उनके 16 मिनट के एक वीडियो में इस्तेमाल सिर्फ 11 सेकेंड की फुटेज पर कॉपीराइट स्ट्राइक भेजी, जो कि “फेयर यूज़” के अंतर्गत आता है। पहली स्ट्राइक के बाद, ANI ने दूसरी स्ट्राइक भी भेज दी। इसके बाद, एक ANI प्रतिनिधि ने उनसे संपर्क कर 45 लाख रुपये की मांग की। मोहक के अनुसार, प्रतिनिधि ने धमकी दी कि यदि पैसा नहीं दिया गया, तो 6 और स्ट्राइक भेजी जाएंगी जिससे उनका यूट्यूब चैनल हमेशा के लिए डिलीट हो जाएगा।
मोहक के मुताबिक, ANI कर्मचारी ने कहा:
“अभी तो दो स्ट्राइक ही आई हैं। अब छह और मिलेंगी। हमने कुल आठ स्ट्राइक डाली हैं। जब चैनल डिलीट हो जाएगा, तब खुद कॉल करोगे।”
क्रिएटर समुदाय में नाराजगी
यह मामला सामने आते ही यूट्यूब क्रिएटर समुदाय में हलचल मच गई।
नितीश राजपूत ने पोस्ट किया:
“यूट्यूब को ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सालों की मेहनत करने वाले क्रिएटर्स खुद को असहाय न महसूस करें।”
यह पोस्ट 13,000 से अधिक लाइक्स पा चुकी है।
ध्रुव राठी ने कहा:
“मैं पूरी तरह से मोहक के साथ हूं। ANI एक उगाही रैकेट चला रही है, ऐसा लग रहा है। सभी क्रिएटर्स को इसके खिलाफ एकजुट होना होगा।”
मोहक ने दावा किया कि उन्होंने जिन अन्य क्रिएटर्स से बात की, उनमें से कई ने ANI को 18 से 50 लाख रुपये तक चुकाए हैं ताकि स्ट्राइक्स हटाई जा सकें। उन्होंने कुछ कॉल रिकॉर्डिंग भी साझा कीं, जिनमें ANI का एक प्रतिनिधि लाखों की सदस्यता के बदले पेनल्टी माफ करने की बात करता सुनाई देता है।

कॉपीराइट बनाम फेयर यूज़
मुद्दा फेयर यूज़ और कॉपीराइट के दुरुपयोग के बीच का है। मोहक का कहना है कि उनका वीडियो फेयर यूज़ के दायरे में आता है क्योंकि वो विश्लेषण और रिपोर्टिंग के लिए सामग्री का सीमित उपयोग कर रहे थे।
ANI ने YouTube के रेवेन्यू शेयरिंग या कंटेंट क्लेम जैसे विकल्पों का इस्तेमाल न कर सीधे स्ट्राइक भेजीं, जिससे क्रिएटर की आय बंद हो जाती है और चैनल खतरे में पड़ जाता है। मोहक का आरोप है कि ANI इसे दबाव बनाने और मोटी रकम वसूलने के लिए इस्तेमाल कर रही है।
ANI ने किसी भी तरह की छोटी राशि या राजस्व साझा करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और केवल लंप-सम पेमेंट की मांग की। एक ईमेल में ANI ने 45 लाख + GST की मांग करते हुए कहा कि भुगतान न होने पर चैनल डिलीट कर दिया जाएगा।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग
मोहक ने प्रधानमंत्री कार्यालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को पत्र लिखकर ANI की गतिविधियों की जांच की मांग की है। उन्होंने अन्य क्रिएटर्स से भी अपने अनुभव साझा करने और सबूत भेजने की अपील की।
“यह केवल मेरी लड़ाई नहीं है,” मोहक ने कहा।
“यह सवाल है कि क्या भारत में क्रिएटर्स उगाही के शिकार होंगे या कानून से संरक्षित रहेंगे?”
यह मामला अब सोशल मीडिया पर व्यापक चर्चा का विषय बन गया है, जहां क्रिएटर्स की कई सालों की मेहनत एक कॉपीराइट स्ट्राइक से मिट सकती है। अब देखना है कि सरकार, यूट्यूब और न्यायिक संस्थाएं “प्रवर्तन और शोषण” के बीच की रेखा कहां खींचती हैं।