विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का किया ऐलान, 14 साल के शानदार करियर का हुआ अंत
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज बल्लेबाज़ विराट कोहली ने सोमवार सुबह सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट के ज़रिए टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। 14 साल लंबे इस सफर में कोहली ने 123 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 68 में उन्होंने भारत की कप्तानी की। इस दौरान उन्होंने कुल 9230 रन बनाए, और उनका औसत 46.85 रहा।
कोहली ने अपने बयान में लिखा,
“टेस्ट क्रिकेट में पहली बार बैगी ब्लू पहनकर उतरे 14 साल हो चुके हैं। इस सफर की मैंने कभी कल्पना नहीं की थी। इस फॉर्मेट ने मुझे परखा, गढ़ा और ज़िंदगी के ऐसे सबक सिखाए जो हमेशा मेरे साथ रहेंगे।”
उन्होंने आगे कहा, “सफेद जर्सी पहनकर खेलने का अनुभव बेहद निजी होता है। यह एक शांत संघर्ष है, लंबे दिन हैं, और ऐसे छोटे-छोटे पल जो शायद कोई न देखे, लेकिन खिलाड़ी के ज़ेहन में हमेशा रहते हैं।”

कोहली ने बताया कि यह फैसला आसान नहीं था लेकिन अब सही लग रहा है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस फॉर्मेट को अपना सब कुछ दिया, और यह बदले में उन्हें उससे कहीं ज्यादा लौटा गया।
सूत्रों के अनुसार, कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ 20 जून से शुरू हो रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ से पहले ही बीसीसीआई को अपने संन्यास की मंशा से अवगत करा दिया था। पिछले एक महीने से कोहली और बीसीसीआई के बीच इस मुद्दे पर बातचीत चल रही थी।
हालांकि हालिया समय में कोहली का टेस्ट में प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा था। नवंबर 2024 में पर्थ टेस्ट में शतक से पहले उनका पिछला टेस्ट शतक जुलाई 2023 में वेस्टइंडीज़ के खिलाफ आया था। 2019 में पुणे में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 254 रन की पारी के बाद से उनका औसत घटकर पिछले दो वर्षों में 32.56 रह गया था।

इसके बावजूद चयनकर्ता और टीम मैनेजमेंट इंग्लैंड दौरे के लिए उनके अनुभव को टीम में बनाए रखना चाहते थे। रोहित शर्मा के हालिया टेस्ट संन्यास के बाद शुभमन गिल को अगला कप्तान बनाए जाने की संभावना है।
कोहली का यादगार टेस्ट सफर:

कोहली की पहली बड़ी टेस्ट सीरीज़ 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हुई थी, जहां उन्होंने एडिलेड में दो शतक जड़े और पूरी सीरीज़ में 692 रन बनाए, औसत रहा 86.50। वहीं, कप्तानी का जिम्मा उन्होंने एमएस धोनी की गैरहाज़िरी में संभाला था और धोनी के टेस्ट संन्यास के बाद वह स्थायी कप्तान बने।
उनकी कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट में से 40 जीते और सिर्फ 17 हारे। यह उन्हें भारत का सबसे सफल टेस्ट कप्तान बनाता है। कुल टेस्ट जीत के मामले में वह दुनिया में चौथे स्थान पर हैं — ग्रेम स्मिथ (53), रिकी पोंटिंग (48), और स्टीव वॉ (41) उनसे आगे हैं।
2018 का इंग्लैंड दौरा भी उनके करियर का एक खास पल था, जब उन्होंने 5 टेस्ट में 583 रन बनाए। 2014 के इंग्लैंड दौरे में महज़ 134 रन ही बना सके थे, ऐसे में यह वापसी बेहद खास रही।
2016 से 2018 के बीच उन्होंने टेस्ट में शानदार प्रदर्शन किया, जहां उन्होंने 35 टेस्ट में 66.59 की औसत से 3596 रन बनाए। इस दौरान उनके नाम 14 शतक और 8 अर्द्धशतक दर्ज हुए।
