चंडीगढ़ मेयर चुनाव: बीजेपी ने की लोकतंत्र की हत्या !
सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव को चुनौती देने वाली कुलदीप कुमार की याचिका पर नोटिस जारी किया है। बता दें कि पूरा रिकॉर्ड पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के पास शाम 5 बजे तक सभी दस्तावेज और सभी वीडियो प्रूफ के साथ रखा जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ नगर निगम की 7 फरवरी को होने वाली पहली बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने का आदेश दिया है, जिससे नए मेयर के काम पर असर होगा।
सीजेआई की अगुवाई वाली बेंच ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि मेयर चंडीगढ़ नगर निगम चुनावों का पूरा रिकॉर्ड हाई कोर्ट रजिस्ट्रार जनरल के पास जब्त कर लिया जाए और मतपत्र, वीडियोग्राफी को भी संरक्षित रखा जाए। रिटर्निंग ऑफिसर को नोटिस दिया गया है कि वह रिकॉर्ड सौंप देंगे। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले की आज, यानी सोमवार, सुनवाई शुरू की है। आज की सुनवाई के बाद, मामले को 12 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।
कोर्ट में वकील कुलदीप कुमार ने नए तरीके से मेयर चुनाव की मांग करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है। वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मुख्य न्यायाधीश को यह देखने के लिए पेनड्राइव दी कि चुनाव कार्यवाही में क्या हुआ था। इसी पेनड्राइव में कथित रूप से प्रिजाइडिंग ऑफिसर का वह वीडियो भी था, जिसमें देखा गया कि वह मतपत्रों पर कलम चला रहे हैं। साथ ही, कथित रूप से पीछे के दरवाजे से कैसे बीजेपी के कैंडिडेट मेयर की कुर्सी पर आकर बैठ जाते हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा कि यह स्पष्ट है कि प्रिजाइडिंग ऑफिसर ने मतपत्रों को खराब किया है और उस पर मुकदमा चलाया जाना चाहिए। उसीजेआई ने प्रिजाइडिंग ऑफिसर के कैमरे में देखने पर कहा कि वह कैमरे में क्यों देख रहे हैं. उन्होंने वकील को संबोधित करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है. लोकतंत्र की हत्या है, हम आश्चर्यचकित हैं. चीफ जस्टिस ने पूछा कि क्या रिटर्निंग ऑफिस का यही व्यवहार होता है. कृपया रिटर्निंग अधिकारी को बताएं कि एससी उस पर नजर रख र