एससीओ समिट: मोदी–पुतिन की बातचीत में नजरअंदाज हुए शहबाज शरीफ
चीन के तियानजिन में सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (SCO) समिट का आगाज़ हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय मंच पर दुनिया के कई बड़े नेता मौजूद रहे, जिनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शामिल थे। समिट के उद्घाटन सत्र में जब ये तीनों नेता आपस में बातचीत करते दिखाई दिए तो वह पल सोशल मीडिया पर छा गया। तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो गए।
इसी दौरान एक और दृश्य चर्चा का विषय बन गया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी सम्मेलन में मौजूद थे, लेकिन उन्हें वह तवज्जो नहीं मिली जिसकी उन्हें उम्मीद थी। जब पीएम मोदी और पुतिन हाथों में हाथ डाले आगे बढ़ रहे थे और आपस में गुफ्तगू कर रहे थे, तब शहबाज शरीफ किनारे खड़े बस उन्हें निहारते रह गए। न तो किसी नेता ने उनसे बातचीत की और न ही कोई उनके पास रुका। यह नजारा पाकिस्तान के लिए किसी झटके से कम नहीं रहा।
उद्घाटन संबोधन में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने SCO को मजबूत बनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि चीन इस संगठन को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा और वैश्विक नीति में किसी भी तरह की धमकी या दबाव के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए। जिनपिंग ने यह भी बताया कि SCO ने क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने सभी सदस्य देशों से सहयोग बढ़ाने, SCO डेवलपमेंट बैंक की स्थापना करने और आर्थिक साझेदारी को और मजबूत करने की अपील की।
अपने संबोधन में जिनपिंग ने याद दिलाया कि 24 साल पहले SCO की स्थापना पारस्परिक विश्वास, समानता, परामर्श, विविधता के सम्मान और साझा विकास की सोच के साथ की गई थी। उन्होंने कहा कि SCO आतंकवाद, उग्रवाद और अलगाववाद के खिलाफ सबसे पहले खड़ा हुआ संगठन है, जिसने सदस्य देशों के बीच कानून प्रवर्तन और सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा दिया।
सम्मेलन के दौरान सबसे खास पल तब आया जब पीएम मोदी, पुतिन और शी जिनपिंग एक साथ दिखाई दिए। यह तस्वीर पूरे दिन की सबसे बड़ी खबर बन गई। प्रधानमंत्री मोदी ने पुतिन से मुलाकात को बेहद सुखद अनुभव बताया और कहा कि दोनों नेताओं ने लंबे समय तक आपस में विचार-विमर्श किया।