राज्यसभा में प्रधानमंत्री के भाषण में काम की बात कम, कांग्रेस-कांग्रेस ज्यादा
हमारे प्रधानमंत्री भाषण बाजी में बहुत अच्छे हैं लेकिन भाषणों में काम की बात कम ही करते हैं. संसद में अपने दूसरे कार्यकाल के आखिरी भाषण में उन्होंने केवल और केवल कांग्रेस को कोसा. इसके अलावा उनका भाषण में खूब सारा मजाक था. और मजाक भी ऐसा भी खुद बी हंस-हंस के ठहाके लगा रहे थे. लेकिन काम की एक भी बात नहीं थी.
प्रधानमंत्री के डेढ़ घंटे से भी ज्यादा लंबे भाषण में उन्होंने बहुत सी बातें कहीं लेकिन सभी बातों में केवल और केवल पुरानी सरकारों का ही जिक्र था…. मोदी जी ने अपनी सरकार के जिन भी कामों को गिनाया उसके लिए पहले वो कांग्रेस को ही कोस रहे थे फिर अपनी उपल्धी बता रहे थे… मानों वो चाह रहे थे की लोग कांग्रेस की सरकार से 2014 से पहले की तरह ही गुस्सा रहें उनका गुस्सा कम ना हो…. उनके पूरे भाषण में उनकी उपलब्धी से पहले कांग्रेस का जिक्र हो ही रहा था.
धारा 370, भारतीय न्याय संहिता, स्थानीय निकाय में OBC आरक्षण, SC, ST के लिए किए गए काम, PSU की उपलब्धियों से लेकर G20 तक जितने भी काम प्रधानमंत्री ने गिनाए. सबकी शुरुआत कांग्रेस से ही हो रही थी.
क्योंकि इस सरकार में प्रधानमंत्री के तौर पर उनका ये आखिरी भाषण था . इसीलिए उन्होंने ज्यादातर वो मुद्द पकड़े जिसे लेकर विपक्ष उनहें घेरता है… या जिस मुद्दे को लेकर विपक्ष लोगों के बीच पहुंच रहा है.
जैसे.. SC, ST, OBC पर प्रधानमंत्री ने खूब समय लेकर बोला. उन्होंने उल्टा कांग्रेस पर ही उनकी उपेक्षा के आरोप लगाए. इसके अलावा सरकारी सेक्टर को बेचने के आरोप भी इस सरकार पर लगते हैं उसपर भी प्रधानमंत्री ने कुछ आंकड़े रख कर जवाब दिया. गैर बीजेपी शासित राज्यों के साथ भेदभाव के भी आरोप सरकार पर लगते हैं इसपर भी उन्होंने खूब समय लेकर बोला.
प्रधानमंत्री के भाषणों में दरअसल प्रॉब्लम ये रहती है की वो बहुत सारे झूठे दावे बहुत ही विश्वसनियता के साथ करते हैं. क्योंकि उन्हें भी ये पता रहता है की टीवी पर पूरे डेढ़ घंटे तक उनका भाषण हर न्यूज चैनल पर चलने वाला है इसीलिए वो जो बोलेंगे वो बिना फिल्टर के जनता तक पहुंचेगा. कोई उसका फैक्ट चैक भी नहीं करेगा. वैसे प्रधानमंत्री के दावों का कांग्रेस ने ही फैक्ट चैक कर के चैलेंज किया है.
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की मोदी जी ने UPA सरकार पर अनगिनत झूठी बातें कहीं. उन्होंने पूछा की
UPA के दौरान बेरोज़गारी दर 2.2% था, आपके दौरान 45 सालों में सबसे ज़्यादा क्यों है?
UPA के 10 सालों में दौरान GDP विकास दर औसतम 8.13% रहा, आपके दौरान केवल 5.6% क्यों?
मोदी जी PSUs के बारे में कुछ बोले। हम याद दिला दें कि आपकी “बेचो और लूटो” की नीति ने अप्रैल 2022 तक 147 PSUs को पूरा/आधा/या कुछ Privatise कर दिया है।
सरकार में 30 लाख पद ख़ाली पड़े हैं, और उसमें SC, ST, OBC के पद सबसे ज़्यादा ख़ाली हैं। अकेले 5 मंत्रालयों – रेलवे, स्टील, नागर विमानन, रक्षा (बिना सैनिकों के) और पेट्रोलियम में करीब 3 लाख पद ख़ाली हैं।
एकलव्य स्कूलों की बात आपने की, पर ये नहीं बताया कि उनमें 70% शिक्षक Contract पर ही है।
वहीं आरक्षण के मुद्दे पर भी कांग्रेस ने कहा की प्रधानमंत्री ने संसद में झूठ कहा की पंडित नेहरू आरक्षण का विरोध करते थे. कांग्रेस ने कहा की मोदी जी ने जो बातें कहीं वह बातें नेहरू जी सिर्फ भविष्य की आदर्श कल्पना और आरक्षण विरोधियों को चुप कराने के लिए कह रहे थे, आरक्षण खत्म करने के लिए नहीं. सुप्रिया श्रिनेत ने लिखा की संविधान बनने के 10 साल बाद जब आरक्षण खत्म करने की बातें उठीं तो नेहरू जी ना सिर्फ आरक्षण को कायम रखना चाहते थे बल्कि वंचित तबके के छात्रों को फ्री शिक्षा और स्कॉलरशिप भी देना चाहते थे ताकि वे सामाजिक असमानता और गरीबी के कारण शिक्षा से वंचित न रह जाएं. क्योंकि जब आरक्षण की नींव रखी गई थी तो इसका प्रावधान केवल 10 साल के लिए ही था.
अब इसमें कोई भी दोहराए नहीं है की प्रधानमंत्री के भाषण अपने कामों पर कम और कांग्रेस पर ज्यादा केंद्रित होते हैं. जिसमें हवा हवाई बातें होती हैं. जैसे उनके भाषण में लोकतंत्र की बार बार बात की जा रही थी लेकिन उनकी सरकार में किस तरह से लोकतंत्र की हत्या की जा रही है वो लोगों ने कैमरे में देख ही लिया है. इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा की युवा, नारी, गरीब और किसान भारत के चार स्तंभ हैं . लेकिन बेरोजगारी पर प्रधानमंत्री ने कुछ नहीं कहा, नारी सम्मान की स्थिति उनकी ही सरकार में हम देख चुके हैं उसपर भी वो आज तक कुछ नहीं बोले, मंहगाई से गरीब तो गरीब बल्की आम जनता भी परेशान है और किसान मोदी सरकार से कितना नाराज हैं किसी से छिपा नहीं है.
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में ये भी कहा की मनमोहन सिंह ने अपनी ही सरकार के दौरान कहा था की हमारी ग्रोथ धीमा हो रही है, महंगाई बढ़ रही है और देश में सरकारी संस्थाओं को लेकर गुस्सा है. मतलब की वो मानते थे की उनकी सरकार में कमी है लेकिन मौजूदा सरकार मानने को तैयार ही नहीं है की वो कुछ गलत कर रहे हैं. प्रधानमंत्री वैसे तो कह रहे हैं की वो राज्यों को साथ लेकर चल रहे हैं. लेकिन ऐसा कोई राज्य नहीं बचा है जहां उन्होंने सरकार गिराने की कोशिश नहीं की है .या सरकार गिराई नहीं है. सरे आम झूठे दावे कर रहे हैं मानों जनता अंधी है. कैसे हर राज्य में विपक्ष के पीछे CBI और ED लगी है. कहीं मंत्री तो कहीं मुख्यमंत्री ही जेल में डाले जा रहे हैं. लेकिन फिर भी लोकतंत्र की दुहाई दी जा रही है और राज्यों को साथ लेकर चलने की बात हो रही है.