जम्मू-कश्मीर के कठुआ में बादल फटा और भूस्खलन, 7 की मौत – 5 घायल, राहत-बचाव जारी
जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी है। किश्तवाड़ के बाद अब कठुआ जिला भी प्राकृतिक आपदा की चपेट में आ गया है। रविवार तड़के कठुआ में बादल फटने और भूस्खलन की अलग-अलग घटनाओं में 7 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 अन्य घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
क्या हुआ घटना स्थल पर?
शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात कठुआ जिले के राजबाग के जोड़ घाटी गांव में बादल फटने से गाँव तक पहुंचने का रास्ता पूरी तरह बंद हो गया। पुलिस और SDRF की टीम ने स्थानीय लोगों के सहयोग से बड़ी मशक्कत के बाद राहत-बचाव कार्य शुरू किया। अब तक चार शव बरामद किए जा चुके हैं और कई लोगों को घायल अवस्था में बाहर निकाला गया है।
अन्य इलाकों में भी भूस्खलन
कठुआ थाना क्षेत्र के बागड़ और चांगडा गांव तथा लखनपुर थाना क्षेत्र के दिलवान-हुतली में भी भूस्खलन हुआ। हालांकि, इन जगहों पर किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। भारी बारिश के चलते उझ नदी का जलस्तर खतरे के निशान तक पहुंच गया है, जिससे प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने की अपील की है।
प्रशासन और नेताओं की प्रतिक्रिया
- मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने घटना पर शोक व्यक्त किया और प्रभावित परिवारों की सुरक्षा व मदद सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
- उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
- केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्र सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया और बताया कि बचाव कार्य तेज़ी से जारी है।
मुआवजे की घोषणा
सीएम उमर अब्दुल्ला ने मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹1 लाख, मामूली चोटिलों को ₹50,000, पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए ₹1 लाख और आंशिक क्षति वाले मकानों के लिए ₹50,000 की आर्थिक सहायता की घोषणा की।
पृष्ठभूमि
गौरतलब है कि इससे पहले किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना हुई थी, जिसमें 60 लोगों की मौत और 60–70 लोगों के लापता होने की खबर आई थी। अभी वहाँ भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।