होमबाउंड: ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि, लेकिन सिनेमाघरों में नहीं बटोर सकी दर्शकों का ध्यान
26 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई ईशान खट्टर और जाह्नवी कपूर अभिनीत फिल्म “होमबाउंड” भारत की ऑस्कर के लिए आधिकारिक प्रविष्टि है। हालांकि, इस ड्रामा फिल्म को सीमित स्क्रीन्स पर ही रिलीज किया गया। न केवल स्क्रीन्स की कमी रही, बल्कि यह फिल्म दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने में भी नाकाम रही। फिर भी, जिन दर्शकों ने इसे देखा, उन्होंने करण जौहर के इस प्रोजेक्ट की जमकर तारीफ की।
आईएएनएस के साथ खास बातचीत में फिल्म समीक्षक और पत्रकार रामचंद्रन श्रीनिवासन से पूछा गया कि “होमबाउंड को ऑस्कर के लिए चुना गया, फिर भी भारत में इसे नजरअंदाज क्यों किया गया?” इसके जवाब में उन्होंने फिल्म की छोटी अवधि को एक बड़ा कारण बताया।
उन्होंने कहा, “जब आप कहते हैं कि होमबाउंड जैसी फिल्म केवल एक घंटे चार मिनट की है, और सेंसरशिप के बाद यह सिर्फ एक घंटे दो मिनट की रह जाती है, तो सवाल उठता है कि दर्शक इतने ही पैसे खर्च करके ऐसी फिल्म क्यों देखें, जब वे सिनेमाघरों में पूर्ण मनोरंजक फिल्म देख सकते हैं? यही संभवतः एक प्रमुख कारण है कि होमबाउंड को भारत में उतना स्वागत नहीं मिला।”
फिल्म के प्रचार और जागरूकता के बारे में पूछे जाने पर रामचंद्रन ने कहा, “मल्टीप्लेक्स, जो इस तरह की फिल्मों का प्राथमिक लक्ष्य हैं, स्क्रीन्स का आवंटन चर्चा और बॉक्स ऑफिस प्रदर्शन के आधार पर करते हैं। होमबाउंड की शुरुआती कमाई केवल 75 लाख रुपये रही, जिसके कारण प्रोग्रामर्स ने इसे ज्यादा स्क्रीन्स देने में हिचक दिखाई। वे ऐसी फिल्म को प्राथमिकता देते हैं, जो सिनेमाघरों को भर सके, न कि ऐसी फिल्म, जिसे देखने कुछ ही दर्शक आएं।”
जब उनसे पूछा गया कि “लंचबॉक्स” जैसी फिल्म, जिसमें बड़े सितारे नहीं थे, ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता हासिल की, लेकिन होमबाउंड ऐसा क्यों नहीं कर सकी, तो उन्होंने बताया कि “लंचबॉक्स” ने भारत और विदेशों में अच्छा प्रदर्शन किया था। हालांकि, “होमबाउंड” का प्रदर्शन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत से भी कमजोर रहा।
उन्होंने कहा, “यही कारण है कि यह फिल्म न तो भारत में और न ही विदेशों में अपेक्षाओं पर खरी उतरी। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि फिल्म निर्माताओं को हतोत्साहित होना चाहिए। हर फिल्म की अपनी नियति होती है। असली चुनौती जागरूकता की है-जब दर्शकों को यह तक नहीं पता कि इतने सारे वेब शो और फिल्मों के बीच कोई फिल्म रिलीज हो रही है, तो वे सिनेमाघरों तक कैसे पहुंचेंगे?”