पंजाब सीमा पर ब्लैकआउट अभ्यास, पाकिस्तान में खलबली | Blackout Rehearsal in Ferozepur Amid Indo-Pak Tension
भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के फिरोजपुर में रविवार रात भारतीय सेना द्वारा आधा घंटे का कंप्लीट ब्लैकआउट अभ्यास किया गया। रात 9 बजे से 9:30 बजे तक चले इस अभ्यास के दौरान पूरे सैन्य क्षेत्र और आसपास के इलाकों में पूर्ण अंधकार बनाए रखा गया। इस कदम ने सीमा पार पाकिस्तान में खलबली मचा दी है, और इसे संभावित युद्ध की तैयारियों के रूप में देखा जा रहा है।
🔦 ब्लैकआउट अभ्यास: नागरिकों का सहयोग
अभ्यास को सफल बनाने के लिए सेना और प्रशासन ने स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील की थी। नागरिकों से कहा गया कि वे इस दौरान अपने घरों की लाइटें, इन्वर्टर और जनरेटर बंद रखें, ताकि पूरे क्षेत्र में पूर्ण अंधकार बना रहे। कैंटोनमेंट अधिकारियों ने लाउडस्पीकर के माध्यम से पूर्व सूचना देकर लोगों को ब्लैकआउट के प्रोटोकॉल समझाए।
🎯 अभ्यास का उद्देश्य क्या था?
सेना द्वारा फिरोजपुर के डिप्टी कमिश्नर को भेजे गए पत्र में स्पष्ट किया गया है कि यह मॉक ड्रिल युद्धकालीन स्थितियों के लिए ब्लैकआउट प्रक्रियाओं की प्रभावशीलता की जांच हेतु आयोजित की गई थी।
यह कवायद ऐसे समय में हुई है जब भारत 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है। इस हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान गई थी और माना जा रहा है कि इसमें पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी शामिल थे।
💡 ब्लैकआउट क्यों है जरूरी?
युद्ध के समय ब्लैकआउट रणनीति का मुख्य उद्देश्य है—
- दुश्मन की ड्रोन व मिसाइल टारगेटिंग को विफल करना
- रिहायशी और सामरिक क्षेत्रों की पहचान रोकना
- सामान्य नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना
हालांकि भारत के पास रूस निर्मित अत्याधुनिक S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम मौजूद है, फिर भी ब्लैकआउट जैसे अभ्यास आधुनिक युद्ध तकनीक जैसे स्मार्ट बम और विजुअल गाइडेड ड्रोन से सुरक्षा की अतिरिक्त परत प्रदान करते हैं।
🛡️ नागरिक जागरूकता और युद्धकालीन तैयारी
ब्लैकआउट अभ्यास सिर्फ एक सुरक्षा उपाय नहीं, बल्कि जनमानस को मानसिक रूप से तैयार करने की प्रक्रिया भी है।
युद्ध के समय में:
- सायरन, SMS, मोबाइल ऐप्स और सरकारी प्रसारण माध्यमों के जरिए अलर्ट दिए जाते हैं
- लोगों को सुरक्षित स्थानों की जानकारी और समयावधि बताई जाती है
- यह अभ्यास सुनिश्चित करता है कि पैनिक की स्थिति में भी नागरिक शांत रहें और निर्देशों का पालन करें
निष्कर्ष
फिरोजपुर में हुआ यह ब्लैकआउट अभ्यास भारत की युद्ध-स्तर की तैयारियों का हिस्सा माना जा रहा है। एक ओर यह सैन्य रणनीतिक मजबूती का संकेत है, तो दूसरी ओर यह नागरिकों को संभावित खतरे के प्रति सजग और सक्षम बनाने की कवायद है।
इस अभ्यास ने सीमा पार पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दिया है कि भारत किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है।