पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन की मुलाकात में दिखी मजबूत बॉन्डिंग, रक्षा और ऊर्जा पर होगी अहम बातचीत
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन गुरुवार देर शाम नई दिल्ली पहुंचे। एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं पुतिन का गर्मजोशी से स्वागत किया। दोनों नेता एक ही कार में साथ बैठकर सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) पहुंचे, जहां अनौपचारिक बातचीत का दौर चला।
इस हाई-प्रोफाइल मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजर है, क्योंकि भारत–रूस रिश्ते वर्तमान भू-राजनीतिक माहौल में और भी अहम माने जा रहे हैं। शुक्रवार को दोनों नेताओं के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार, तकनीक और वैश्विक मुद्दों पर विस्तृत चर्चा होगी।
थरूर बोले—‘भारत–रूस रिश्ते की अहमियत आज के दौर में और ज्यादा बढ़ी’
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पुतिन की भारत यात्रा को “बहुत जरूरी और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण” बताया। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच दशकों पुराना भरोसेमंद संबंध है, जो आज की अनिश्चित वैश्विक परिस्थितियों में और महत्वपूर्ण हो गया है।
थरूर ने कहा:
- “भारत ने हमेशा स्ट्रैटेजिक ऑटोनॉमी पर जोर दिया है। हम हर देश के साथ स्वतंत्र और संतुलित रिश्ते रखने में सक्षम हैं। यह यात्रा किसी भी अन्य देश के साथ हमारे रिश्तों को प्रभावित नहीं करेगी।”
- “हाल के वर्षों में रूस भारत के सबसे बड़े सहयोगियों में रहा है—ऊर्जा आपूर्ति और रक्षा साझेदारी के मामले में तो खास तौर पर।”
उन्होंने यह भी कहा कि:
- भारत को रूस से लगातार सस्ता तेल और गैस मिलता रहा है, जिसने देश की अर्थव्यवस्था को सहारा दिया।
- रक्षा सहयोग का महत्व हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के दौरान साफ दिखाई दिया, जब रूसी S-400 सिस्टम ने कई पाकिस्तानी मिसाइलों को सफलतापूर्वक इंटरसेप्ट किया, जिनका निशाना दिल्ली सहित कई बड़े शहर थे।
थरूर का कहना है कि यदि इस मीटिंग में नए समझौते होते हैं, तो यह दोनों देशों की लंबे समय से चली आ रही दोस्ती को और मज़बूती देगा—और यह सब अमेरिका या किसी अन्य देश के साथ भारत के रिश्तों की कीमत पर नहीं होगा।
भारत–रूस संबंधों पर दुनियाभर की निगाह
पुतिन की यह यात्रा ऐसे समय पर हो रही है जब वैश्विक राजनीति लगातार बदल रही है। ऐसे में भारत और रूस के शीर्ष नेताओं की यह मुलाकात दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को नई दिशा दे सकती है।

