दिल्ली ब्लास्ट पर पीएम मोदी ने बुलाई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक, जांच में तेजी के निर्देश
दिल्ली के लाल किले के पास हुए धमाके के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार शाम सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की एक अहम बैठक बुलाई। इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, और विदेश मंत्री एस. जयशंकर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में लाल किला विस्फोट की जांच, सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट, और भविष्य की राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति पर विस्तृत चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने सभी एजेंसियों को निर्देश दिया कि मामले की तेज़, निष्पक्ष और पेशेवर जांच सुनिश्चित की जाए, ताकि अपराधियों और उनके सहयोगियों को जल्द से जल्द न्याय के कटघरे में लाया जा सके।
बैठक के बाद गृह मंत्री अमित शाह प्रधानमंत्री आवास से बाहर निकले और प्रधानमंत्री मोदी से करीब आधे घंटे तक अलग से चर्चा की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की और आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया।
कैबिनेट ने पारित किया शोक प्रस्ताव
इससे पहले कैबिनेट बैठक में दिल्ली ब्लास्ट की कड़ी निंदा की गई। मंत्रिमंडल ने घटना में जान गंवाने वाले निर्दोष लोगों को श्रद्धांजलि दी और उनकी स्मृति में दो मिनट का मौन रखा। कैबिनेट ने निर्देश दिया कि जांच अत्यंत तत्परता और पेशेवर तरीके से की जाए ताकि दोषियों की पहचान कर उन्हें बिना देरी न्याय के दायरे में लाया जा सके।
पीएम मोदी पहले भी कर चुके हैं उच्चस्तरीय बैठकें
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर से पहले और 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद भी इसी तरह की सुरक्षा समीक्षा बैठकें की थीं। यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार देश की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीर है।
भूटान से लौटते ही अस्पताल पहुंचे प्रधानमंत्री
विस्फोट की खबर मिलते ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी विदेश यात्रा से लौटते ही सीधे एलएनजेपी अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना। उन्होंने करीब 25 मिनट तक मरीजों से बातचीत की और उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर लिखा,
“दिल्ली बम विस्फोट में घायल लोगों से मिलने अस्पताल गया। सभी के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। इस साजिश के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।”
जांच में सामने आ रहे चौंकाने वाले तथ्य
सूत्रों के मुताबिक, इस धमाके के पीछे डॉक्टरों के एक आतंकी मॉड्यूल का हाथ माना जा रहा है। अब तक हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कश्मीर से कई संदिग्ध डॉक्टरों को गिरफ्तार किया गया है। जांच एजेंसियां इस नेटवर्क के अंतरराज्यीय कनेक्शन और फंडिंग सोर्स की भी पड़ताल कर रही हैं।

