सुप्रीम कोर्ट में CJI गवई पर जूता हमले की कोशिश, हिंदू दक्षिणपंथी अभियान का चरम
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (6 अक्टूबर, 2025) को एक अभूतपूर्व घटना सामने आई, जब वकील राकेश किशोर ने चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बीआर गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया। यह घटना पिछले तीन हफ्तों से हिंदू दक्षिणपंथी समूहों द्वारा चलाए जा रहे संगठित अभियान का परिणाम मानी जा रही है। 71 वर्षीय वकील ने सुबह 11:35 बजे कोर्ट नंबर 1 में जूता उतारकर सीजेआई की ओर फेंका, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत पकड़ लिया। कोर्ट से बाहर ले जाते वक्त राकेश ने “सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं” और “भारत सनातन धर्म का अपमान नहीं सहेगा” जैसे नारे लगाए।
सीजेआई गवई ने शांति बनाए रखते हुए वकीलों से सुनवाई जारी रखने को कहा और बोले, “इन घटनाओं से हमें कोई विचलन नहीं होना चाहिए। मैं भी इनसे प्रभावित नहीं हूं।” इस घटना की निंदा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, “CJI पर हमला हर भारतीय के लिए निंदनीय है। हमारे समाज में ऐसी हरकतों के लिए कोई स्थान नहीं।”
विवाद की शुरुआत: खजुराहो मूर्ति पर टिप्पणी यह हमला 16 सितंबर को शुरू हुए विवाद का परिणाम है, जब सीजेआई गवई ने खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की खंडित मूर्ति की बहाली की याचिका खारिज करते हुए कहा था, “जाओ, भगवान से खुद कुछ करने को कहो। तुम उनके कट्टर भक्त हो, तो प्रार्थना करो।” उन्होंने इसे प्रचार के लिए दायर याचिका करार देते हुए कहा कि यह पुरातत्व स्थल है और इसके लिए एएसआई की अनुमति जरूरी है। साथ ही, शैव धर्म से परहेज न होने पर शिव मंदिर में पूजा का सुझाव भी दिया।
सोशल मीडिया पर तूफान इस टिप्पणी ने सोशल मीडिया पर आग लगा दी। #ImpeachCJI हैशटैग ट्रेंड करने लगा और हिंदू संगठनों ने इसे धार्मिक भावनाओं का अपमान बताया। सीजेआई ने बाद में सफाई दी, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं।” दक्षिणपंथी यूट्यूबर अजीत भारती ने इस मुद्दे को हवा दी, हमले के बाद एक्स पर लिखा, “वकील ने गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की, सनातन का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा। यह शुरुआत है।” उन्होंने सीजेआई को “हिंदू विरोधी” और “कायर” तक कहा था।
हिंदू कैफे के कौशलेश राय ने वीडियो में हिंसक धमकियां दीं, “गवई को दीवार से टकराकर तोड़ दूं, लेकिन मैं हिंसा का समर्थन नहीं करता।” उन्होंने हिंदू आस्था पर टिप्पणी करने वालों को “प्राइज टैग” की चेतावनी दी। अजीत ने गवई के कार को घेरने का सुझाव भी दिया। कौशलेश ने वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को भी धमकी दी, जिन्होंने हमले को घृणित बताते हुए इसे अदालत की अवमानना करार दिया।
परिवार पर निशाना और प्रतिक्रिया वीडियो में गवई के परिवार पर भी हमले हुए। कौशलेश ने उनके पिता के गवर्नर पद और आरएसएस कार्यक्रम से इनकार को लेकर टिप्पणी की। सीजेआई की मां कमलताई (84) ने स्वास्थ्य कारणों से कार्यक्रम से मना करते हुए आंबेडकरवादी विचारधारा पर जोर दिया। विश्व हिंदू परिषद व अन्य संगठनों ने भी अभियान चलाया, जबकि वकील विनीत जिंदल ने टिप्पणी वापस लेने की मांग की।
राजनीतिक बयान तृणमूल सांसद सागरिका घोष ने भाजपा की आईटी सेना पर आरोप लगाया, “यह ऑनलाइन हिंसा ऑफलाइन हमलों का कारण बनी।” कांग्रेस की सुप्रिया श्रीनेत ने इसे मोदी की जिम्मेदारी बताया, “यह पागलपन है।” यह घटना न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर सवाल उठाती है। दिल्ली पुलिस ने राकेश किशोर को गिरफ्तार किया; उसका लाइसेंस बीसीआई ने निलंबित कर दिया। सुरक्षा में खामियां भी उजागर हुईं।