विवादित बयान मामले में मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, हाई कोर्ट रखेगा नजर
मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री विजय शाह को सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देना महंगा पड़ गया है। इस मामले में महू के मानपुर थाने में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसके बाद मंत्री शाह सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंचे।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका स्वीकार करने से पहले मंत्री को कड़ी फटकार लगाई। मुख्य न्यायाधीश बी.आर. गवई ने टिप्पणी की कि, “जब देश संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा हो, तब संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को अधिक संयम और जिम्मेदारी दिखानी चाहिए।”
सीजेआई ने यह भी कहा कि सरकार में बैठे मंत्री का हर शब्द मायने रखता है, और उनसे अपेक्षा की जाती है कि वे अपने बयानों में सावधानी बरतें।
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई के लिए हामी भर दी है। विजय शाह ने कोर्ट में एफआईआर रद्द करने की याचिका लगाई है और साथ ही अपने बयान पर माफी भी मांगी है।
इस बीच, मध्यप्रदेश हाई कोर्ट ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है। न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन और न्यायमूर्ति अनुराधा शुक्ला की पीठ ने एफआईआर की ड्राफ्टिंग पर असंतोष जताते हुए राज्य सरकार को सुधार के निर्देश दिए हैं। हाई कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि इस पूरे मामले की निगरानी खुद कोर्ट करेगा।
वहीं, राजनीतिक विवाद भी गर्मा गया है। कांग्रेस पार्टी ने विजय शाह को मंत्री पद से हटाने की मांग की है और इंदौर, भोपाल, जबलपुर सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए गए हैं।
अब निगाहें शुक्रवार को होने वाली सुनवाई पर हैं, जहां सुप्रीम कोर्ट इस विवादित बयान और एफआईआर को लेकर अपना रुख स्पष्ट करेगा।