उत्तरकाशी में बादल फटने से मची तबाही, दो मजदूरों के शव मिले, सात की तलाश जारी
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में यमुनोत्री हाईवे पर पालीगाड़ ओजरी डाबरकोट के बीच सिलाई बैंड के पास देर रात बादल फटने की घटना से भारी तबाही मची है। इस हादसे में 19 मजदूरों में से 9 मजदूर लापता हो गए थे, जिनमें से दो के शव करीब 18 किमी दूर यमुना नदी के तट पर तिलाड़ी शहीद स्मारक के पास मिले हैं। मृतकों की पहचान नेपाली मूल के केवल थापा (43 वर्ष) और उत्तर प्रदेश निवासी दूजेलाल (55 वर्ष) के रूप में हुई है। पुलिस और राहत दलों ने दोनों शवों को नौगांव सीएचसी भेज दिया है, जबकि अन्य सात मजदूरों की खोजबीन तेज कर दी गई है।
यह हादसा सुबह करीब तीन बजे हुआ जब मजदूर टेंट में सो रहे थे। लापता मजदूरों में 5 नेपाली मूल के, 3 देहरादून से और एक उत्तर प्रदेश से बताया जा रहा है। भूस्खलन के चलते यमुनोत्री हाईवे का करीब 10-12 मीटर हिस्सा पूरी तरह वॉशआउट हो गया है। मार्ग को बहाल करने का काम जारी है, लेकिन अभी समय लग सकता है। प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं।
उधर, सिलाई बैंड और डाबरकोट सहित कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जबकि स्यानाचट्टी में कुपड़ा-कुंशाला मोटर पुल भी खतरे में बताया जा रहा है। प्रशासन द्वारा सुरक्षित मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराकर उनके घर रवाना कर दिया गया है।
दूसरी ओर, यमुनोत्री धाम के रास्ते में जानकीचट्टी, फूलचट्टी, स्याना चट्टी जैसे स्थानों पर करीब एक हजार से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं। पुलिस द्वारा सुरक्षा के दृष्टिकोण से श्रद्धालुओं को रास्ते की स्थिति की जानकारी दी जा रही है और आवश्यकतानुसार उन्हें सुरक्षित स्थानों पर रोका गया है। जानकीचट्टी पैदल मार्ग पर स्थिति सामान्य रहने के कारण श्रद्धालुओं को यमुनोत्री धाम की ओर भेजा जा रहा है।
उत्तरकाशी के डीएम प्रशांत कुमार आर्य ने जानकारी दी कि अब तक 10 मजदूरों को सुरक्षित निकाल लिया गया है, जबकि बाकी लापता लोगों की तलाश युद्ध स्तर पर की जा रही है। उन्होंने बताया कि आपदा के मद्देनज़र राहत कार्य तेज़ी से चल रहे हैं और आसपास के क्षेत्रों में भी निगरानी बढ़ा दी गई है। लगातार बारिश से क्षेत्र के नदी-नाले उफान पर हैं, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।