स्याह तस्वीर: डोली पर बीमार महिला, उफनती नदियों को पार कर अस्पताल पहुँचे ग्रामीण
तकनीक और एयर एंबुलेंस के दौर में भी उत्तराखंड के कई गाँव आज भी बुनियादी सुविधाओं से कोसों दूर हैं। ताज़ा मामला नैनीताल जिले से सामने आया है, जहाँ ग्रामीणों को 66 वर्षीय बीमार महिला को डोली (डंडी-कंडी) पर लादकर खतरनाक रास्तों और उफनती नदी पार कर अस्पताल तक ले जाना पड़ा। वहीं, उत्तरकाशी के मोरी क्षेत्र में ग्रामीण रोज़मर्रा की ज़रूरतों के लिए अपनी जान जोखिम में डालकर उफनते गदेरे को पार करने को मजबूर हैं।

बीमार महिला की जद्दोजहद
नैनीताल के भीमताल ब्लॉक के मलुवाताल स्थित कसैला तोक गाँव की रहने वाली गंगा देवी (66) अचानक बीमार पड़ गईं। सड़क सुविधा न होने के कारण ग्रामीणों ने डोली का सहारा लिया।
- पहले महिला को डोली में गाँव से नदी तक लाया गया।
- फिर ग्रामीणों ने उफनती गौला नदी को पार कराया।
- कई किलोमीटर पैदल चलने के बाद उन्हें सड़क तक पहुँचाया गया और हल्द्वानी अस्पताल भेजा गया।
बरसात में उफनती नदी को पार करना डोली उठाए ग्रामीणों और महिला—दोनों की जान के लिए खतरा था।
ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीण मनोज शर्मा और पूर्व ग्राम प्रधान दयाकिशन बेलवाल ने बताया—
- अचानक बीमार पड़ने वालों को डोली से सड़क तक ले जाना पड़ता है।
- कई बार समय पर इलाज न मिलने से मरीज की हालत गंभीर हो जाती है या मौत तक हो जाती है।
- गाँव आज भी सड़क और पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है।
ग्रामीणों का कहना है कि भटेलिया-अमदौ-दुदुली मोटर मार्ग का प्रस्ताव वर्षों से लंबित है। गाँव के किसान अपनी उपज बाजार तक नहीं ले जा पा रहे और छात्र भी शिक्षा के लिए मजबूरी में शहरों का रुख कर रहे हैं।
उत्तरकाशी के गाँवों में आफत
दूसरी ओर, उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में लगातार बारिश से ग्रामीणों की मुश्किलें बढ़ गई हैं।
- हलारा गाड़ के उफान पर आने से बडासू पट्टी के 5 गाँव (ढाटमीर, गंगाड, ओसला, पवाणी, तालुका) का संपर्क कट गया है।
- ग्रामीण जान जोखिम में डालकर पैदल गदेरे को पार कर तहसील मुख्यालय पहुँच रहे हैं।
- मार्ग बंद होने से रोज़मर्रा का जीवन ठप हो गया है।
स्थानीय निवासी राजपाल रावत ने बताया कि भारी बारिश और मलबे से रास्ते बंद हो गए हैं, जिससे लोगों को रोजमर्रा का कामकाज करने के लिए गदेरे से होकर जाना पड़ रहा है।
बागवानों की भी मुश्किलें
सामाजिक कार्यकर्ता मनमोहन चौहान ने कहा कि आराकोट-चिवां मोटर मार्ग भी जगह-जगह मलबे से बाधित है। इससे बागवानों के गोदामों में रखे सेब सड़ने लगे हैं।
पीएमजीएसवाई अधिकारी का कहना है कि जेसीबी मौके पर पहुँच चुकी है, लेकिन लगातार बारिश और गदेरे के उफान की वजह से फिलहाल काम शुरू नहीं हो पा रहा। हालात सुधरते ही मलबा हटाने की कार्रवाई की जाएगी।
👉 यह खबर पहाड़ की उस कटु सच्चाई को सामने लाती है, जहाँ आज भी लोगों को इलाज, रोज़गार और पढ़ाई के लिए सड़क और पुल जैसी बुनियादी सुविधाओं के इंतज़ार में अपनी जान दाँव पर लगानी पड़ती है।