सैन्य धाम विवाद पर बोले सीएम धामी: “ठोक बजाकर की गई है जांच”, पीएम मोदी कर सकते हैं लोकार्पण
देहरादून:
उत्तराखंड के गौरव और शौर्य के प्रतीक सैन्य धाम का लोकार्पण राज्य स्थापना दिवस (9 नवंबर) के अवसर पर किया जाना प्रस्तावित है। संभावना है कि इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं सैन्य धाम का लोकार्पण करेंगे।
हालांकि, कार्यक्रम से पहले धाम से जुड़े कुछ आरोपों और विवादों पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि “सैन्य धाम से संबंधित हर मामले की जांच ठोक बजाकर, पूरी पारदर्शिता के साथ की जा चुकी है।”
🏗️ लोकार्पण की तैयारियां और उठा विवाद
राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर उत्तराखंड सरकार इस अवसर को ‘रजत जयंती वर्ष’ के रूप में मना रही है। देहरादून के गुनियाल गांव में बनकर तैयार यह धाम प्रदेश का पांचवां धाम माना जा रहा है — बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के बाद।
लेकिन लोकार्पण से पहले ही सैन्य धाम विवाद ने तूल पकड़ लिया है।
एडवोकेट विकेश नेगी ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर निर्माण कार्य में अनियमितताओं की शिकायत की है।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सैन्य धाम को “भ्रष्टाचार पर खड़ी हुई शहादत की दीवार” बताया, जिसके बाद राजनीतिक माहौल गरम हो गया।
🗣️ सीएम धामी का बयान: ‘भ्रष्टाचार की कोई संभावना नहीं’
विवादों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा —
“हमारी सरकार में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या गड़बड़ी की संभावना नहीं है। सैन्य धाम से जुड़े सभी पहलुओं की गहन जांच की जा चुकी है। सब कुछ विधि सम्मत और तय व्यवस्था के अनुसार हुआ है। यदि किसी के पास कोई ठोस सबूत हैं, तो सरकार कार्रवाई करने में देर नहीं करेगी।”
धामी ने यह भी जोड़ा कि सैन्य धाम उत्तराखंड के शहीद सैनिकों की वीरता और बलिदान का प्रतीक है, इसलिए इस पवित्र स्थल पर राजनीति करना उचित नहीं है।
🪖 सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी का पलटवार
इस मामले पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा —
“जिसका जीवन ही भ्रष्टाचार से शुरू होकर उसी पर खत्म हुआ हो, उसे हर जगह वही दिखाई देता है।”
उन्होंने कहा कि सैन्य धाम उत्तराखंड के वीर जवानों के सम्मान में बनाया गया है और इसका लोकार्पण राज्य के गौरव का क्षण होगा।
🏛️ राज्य स्थापना दिवस के मुख्य कार्यक्रम
राज्य स्थापना दिवस के मुख्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगी। राष्ट्रपति विशेष सत्र को संबोधित करेंगी, जबकि प्रधानमंत्री राज्य की कई विकास योजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास करेंगे।
📜 पृष्ठभूमि
सैन्य धाम का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन निर्माण कार्य समय पर पूरा नहीं हो पाया।
इस बीच, परियोजना की गुणवत्ता और बजट को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे।
अब जब धाम के लोकार्पण की तारीख तय हो चुकी है, विवादों का दोबारा उभरना राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
⚔️ सैन्य धाम — शौर्य और श्रद्धा का प्रतीक
देहरादून स्थित यह धाम उत्तराखंड के 1,400 से अधिक शहीद सैनिकों की स्मृति में बनाया गया है।
यह न केवल एक स्मारक है बल्कि देश की सेवा में बलिदान देने वाले जवानों की शौर्यगाथा और प्रेरणा का केंद्र भी होगा।


 
		 
			 
			 
			 
			 
			