उत्तराखंड में भारी बारिश का कहर, अल्मोड़ा में मलबा गिरने से 7 सड़कें बंद, जनजीवन अस्त-व्यस्त
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर दिया है। खासकर अल्मोड़ा जिले में बारिश के कारण कई मार्गों पर भारी मलबा और बोल्डर गिरने से यातायात ठप हो गया है। रविवार रात से शुरू हुई तेज बारिश ने जिले की सड़कों की हालत बिगाड़ दी है।
7 सड़कें बंद, आवागमन ठप
सोमवार को अल्मोड़ा में 2 राजमार्ग, 2 मुख्य जिला मार्ग और 3 ग्रामीण मार्ग मलबा आने से पूरी तरह बंद हो गए। भतरौजखान-गनाई-चौखुटिया राज्य मार्ग चार स्थानों पर मलबा गिरने से अवरुद्ध हो गया। मरचूला-सराईखेत-बैंजरों-पोखरा मार्ग भी भारी मलबा गिरने से बंद पड़ा है।
इसके अलावा आरतोला-नैनी-जागेश्वर मार्ग और खूंट-काकड़ीघाट मार्ग पर भी यातायात ठप हो गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्वारनेड़ी-बसगांव, भनोली-जैती और चौसाला-चिल मार्ग भी मलबे के कारण बंद हो गए हैं।
मलबा हटाने में जुटी मशीनें
जिला आपदा कंट्रोल रूम की सूचना के बाद संबंधित विभागों ने तुरंत जेसीबी मशीनें भेजीं और मलबा हटाने का कार्य शुरू किया गया। लोक निर्माण विभाग, प्रांतीय खंड और पीएमजीएसवाई के इंजीनियर मौके पर पहुंचकर रास्तों को खोलने की कोशिशों में लगे हैं।
मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट
मौसम विभाग ने सोमवार को उत्तराखंड के सात जिलों – देहरादून, टिहरी गढ़वाल, पौड़ी गढ़वाल, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और उधम सिंह नगर में ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। विभाग के अनुसार, 22 जुलाई से 26 जुलाई तक प्रदेश भर में भारी बारिश की संभावना बनी हुई है।
जनजीवन पर असर
लगातार हो रही बारिश और सड़कों के बंद होने से लोगों को दैनिक कार्यों में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूल-कॉलेज और कार्यालयों तक पहुंचना मुश्किल हो गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वह अनावश्यक रूप से यात्रा न करें और मौसम की चेतावनियों का पालन करें।