उत्तराखंड के 12 जिलों में पंचायतें खाली, 4 जून को कैबिनेट बैठक में होगा फैसला
उत्तराखंड के हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायतों में प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो चुका है, जिससे फिलहाल पंचायतें खाली पड़ी हैं। अब इन पंचायतों में आगामी चुनाव कराने या प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने को लेकर निर्णय 4 जून को प्रस्तावित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा।
राज्य में वर्ष 2019 में हरिद्वार को छोड़कर बाकी सभी जिलों में पंचायत चुनाव संपन्न हुए थे। दिसंबर 2024 में इन पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने के बाद शासन ने पंचायत प्रतिनिधियों को ही छह माह के लिए प्रशासक के रूप में नियुक्त किया था। लेकिन अब उनका कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने सोमवार को स्पष्ट किया कि पंचायतों में किसी प्रकार का संवैधानिक संकट नहीं है। पंचायती राज अधिनियम के तहत, बोर्ड भंग होने की स्थिति में भी प्रशासनिक इकाई कार्य कर सकती है और वर्तमान में वही हो रहा है। उन्होंने जानकारी दी कि प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव 4 जून को होने वाली कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा, और उसी में आगे की रणनीति तय की जाएगी।