उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्थगित: हाईकोर्ट के आदेश के बाद आयोग ने सभी चुनावी कार्यवाही पर लगाई रोक
उत्तराखंड में प्रस्तावित त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अब फिलहाल नहीं होंगे। राज्य निर्वाचन आयोग ने नैनीताल हाईकोर्ट के निर्देश के बाद चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों को अग्रिम आदेशों तक स्थगित कर दिया है। यह निर्णय आरक्षण नियमावली की अधिसूचना जारी न होने के चलते लिया गया है।
क्या है मामला?
राज्य निर्वाचन आयोग ने 21 जून 2025 को हरिद्वार को छोड़कर शेष 12 जिलों में पंचायत चुनाव कराने की अधिसूचना जारी की थी। चुनाव दो चरणों में आयोजित होने थे –
- नामांकन: 25 से 28 जून
- मतदान: 10 और 15 जुलाई
- मतगणना: 19 जुलाई
लेकिन आयोग द्वारा आरक्षण संबंधी गजट अधिसूचना जारी किए बिना ही चुनावों की घोषणा कर देने पर नैनीताल हाईकोर्ट ने सवाल उठाए और चुनाव प्रक्रिया पर अंतरिम रोक लगा दी थी।

हाईकोर्ट में क्या हुआ?
मामले में दायर याचिका ‘गणेश दत्त कांडपाल बनाम उत्तराखंड राज्य एवं अन्य’ की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पाया कि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण व्यवस्था से जुड़ी नियमावली को विधिवत अधिसूचित नहीं किया है।
इस कारण से हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि जब तक आरक्षण प्रक्रिया कानूनी रूप से पूरी नहीं होती, तब तक कोई भी चुनावी कार्यवाही न की जाए। अदालत ने मामले में सरकारी पक्ष को सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 25 जून की तारीख तय की है, जिसमें सभी संबंधित याचिकाएं एक साथ सुनी जाएंगी।
निर्वाचन आयोग का फैसला
हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में राज्य निर्वाचन आयोग ने 24 जून को अधिसूचना जारी कर स्पष्ट किया कि:
- राज्य सरकार की ओर से आरक्षण प्रक्रिया फिलहाल अधूरी है
- पदों और स्थानों का आरक्षण तय नहीं हुआ है
- ऐसी स्थिति में नामांकन, मतदान, मतगणना समेत कोई भी कार्यवाही नहीं की जा सकती
इसलिए, त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव से संबंधित समस्त कार्यवाहियों को अगले आदेश तक के लिए स्थगित किया जा रहा है।
📌 मुख्य बिंदु:
- त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव फिलहाल स्थगित
- हाईकोर्ट ने आरक्षण नियमावली के अभाव में चुनाव प्रक्रिया पर लगाई रोक
- 25 जून को अगली सुनवाई, तब तक कोई कार्यवाही नहीं
- निर्वाचन आयोग ने सभी तिथियों और कार्यक्रमों को स्थगित करने का आदेश जारी किया
📢 क्या आगे होगा?
अब चुनाव की प्रक्रिया तब तक शुरू नहीं होगी जब तक कि:
- राज्य सरकार आरक्षण संबंधी अधिसूचना विधिवत जारी न करे
- हाईकोर्ट की अगली सुनवाई (25 जून) के बाद निर्देश प्राप्त न हो