उत्तराखंड में रिश्वतखोरी पर बड़ी कार्रवाई: चंपावत में घूस लेते पकड़े गए दो वनकर्मी सस्पेंड
उत्तराखंड के चंपावत जिले से बड़ी खबर सामने आई है।
यहां विजिलेंस टीम द्वारा रिश्वत लेते पकड़े गए दो वनकर्मियों को विभाग ने तत्काल प्रभाव से निलंबित (Suspend) कर दिया है।
यह कार्रवाई चंपावत के डीएफओ (Divisional Forest Officer) द्वारा आदेश जारी कर की गई।
🕵️♂️ विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई: 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार
जानकारी के अनुसार, चंपावत में तैनात दो वनकर्मियों को 20,000 रुपए की घूस लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था।
इस कार्रवाई के बाद वन विभाग में हड़कंप मच गया था।
विजिलेंस टीम ने दोनों आरोपियों को मौके से हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की थी।
🌲 लकड़ी पास करने के एवज में मांगी थी रिश्वत
सूत्रों के मुताबिक, यह पूरा मामला वन विभाग की चेक पोस्ट से लकड़ी पास करने के एवज में रिश्वत मांगने से जुड़ा था।
शिकायत मिलने के बाद विजिलेंस ने ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई और दोनों कर्मचारियों को घूस लेते हुए पकड़ लिया।
इस घटना के बाद विभागीय स्तर पर भी सख्त एक्शन की मांग उठी थी।
🚨 शिकायतकर्ता ने किया खुलासा: गौशाला निर्माण के लिए चाहिए थी लकड़ी
विजिलेंस को मिली शिकायत में बताया गया था कि एक व्यक्ति गौशाला निर्माण के लिए जंगल से टूटी हुई लकड़ी लेने की अनुमति मांग रहा था।
लेकिन, संबंधित वनकर्मियों ने लकड़ी पास करने के नाम पर उससे रिश्वत मांगी।
इसके बाद शिकायतकर्ता ने विजिलेंस से संपर्क किया और मामला ट्रैप ऑपरेशन के जरिए सामने आया।
⚖️ विभाग ने दिखाई सख्ती
विजिलेंस कार्रवाई के बाद अब डीएफओ चंपावत ने दोनों वनकर्मियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए हैं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार, रिश्वतखोरी में लिप्त किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस पॉलिसी” के तहत कार्रवाई जारी रहेगी।
📢 राज्यभर में संदेश: रिश्वतखोरी पर सख्त रवैया
इस घटना के बाद उत्तराखंड वन विभाग के भीतर संदेश गया है कि भ्रष्टाचार पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
विभाग के उच्चाधिकारियों ने कहा कि “पारदर्शी व्यवस्था और जनता के भरोसे को बनाए रखना प्राथमिकता है।”

