उत्तराखंड इन्वेस्टर्स समिट: ₹1 लाख करोड़ निवेश की ग्राउंडिंग सेरेमनी 19 जुलाई को, गृह मंत्री अमित शाह रहेंगे मौजूद
उत्तराखंड सरकार 19 जुलाई को रुद्रपुर में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज करने जा रही है। 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में साइन किए गए कुल ₹3.56 लाख करोड़ के MoU में से 28% कन्वर्जन के साथ अब ₹1 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स को जमीन पर उतारा जा रहा है। इस अवसर पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह स्वयं ग्राउंडिंग सेरेमनी में मौजूद रहेंगे।
मोदी-शाह की भागीदारी वाला समिट, अब सफल निष्कर्ष पर
यह समिट दिसंबर 2023 में देहरादून में आयोजित हुआ था, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और समापन गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। उस समय देश-विदेश से आए निवेशकों ने कुल ₹3.56 लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों पर सहमति जताई थी।
मुख्यमंत्री के सचिव विनय शंकर पांडे के अनुसार, समिट की पहले से व्यापक तैयारी की वजह से पहले दिन ही पीएम मोदी द्वारा ₹44,000 करोड़ की परियोजनाओं की ग्राउंडिंग की गई थी। मार्च 2024 में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में दूसरी ग्राउंडिंग सेरेमनी हुई, और अब 19 जुलाई को अंतिम और सबसे बड़ी ग्राउंडिंग सेरेमनी होने जा रही है।
डिक्शन, नैनी पेपर मिल्स जैसे कई प्रोजेक्ट धरातल पर
विनय शंकर पांडे ने बताया कि कई प्रमुख प्रोजेक्ट पहले ही जमीन पर उतर चुके हैं:
- डिक्शन कंपनी का उत्पादन सेलाकुई में शुरू हो चुका है।
- नैनी पेपर मिल्स में ₹800 करोड़ का निवेश हो चुका है।
- स्पर्श सीसीटीवी ने ₹250 करोड़ के प्रोजेक्ट शुरू किए हैं, जबकि ₹500 करोड़ के और प्रस्तावित हैं।
- आवास एवं ऊर्जा विभाग के तहत भी कई योजनाएं पहले ही कार्यान्वित हो चुकी हैं।
उत्तराखंड का कन्वर्जन रेट देश में सबसे आगे
विनय शंकर पांडे के अनुसार, देश में जब भी इस स्तर की इन्वेस्टर्स समिट होती है, तो सामान्यतः 8–12% कन्वर्जन रेट को सफल आयोजन माना जाता है। इसके मुकाबले उत्तराखंड ने 27–28% कन्वर्जन के साथ देशभर में अग्रणी राज्य के रूप में अपनी पहचान बनाई है।
फिर होगी इन्वेस्टर्स समिट, हर 2-3 साल में होगी नई पहल
सचिव ने संकेत दिए कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर उत्तराखंड में हर दो से तीन साल में एक नई इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि हर समिट की अपनी एक तय भूमिका और पॉलिसी फ्रेमवर्क होता है।
उदाहरण के तौर पर, 2023 की समिट से पहले प्रदेश सरकार ने 30 नई नीतियां (policies) लागू की थीं, जिनका निवेशकों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा। बदलते समय और बाजार की मांग के अनुसार भविष्य में भी नई नीतियां लाई जाएंगी।
निष्कर्ष:
उत्तराखंड अब इन्वेस्टमेंट के नए गढ़ के रूप में उभर रहा है। ग्राउंडिंग सेरेमनी के माध्यम से सरकार यह संदेश देना चाहती है कि वह निवेशकों के साथ केवल MoU तक सीमित नहीं, बल्कि उन्हें जमीन पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। अमित शाह की मौजूदगी इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर और भी प्रतिष्ठा दिलाएगी।