दोहरा जाति प्रमाण पत्र: हाईकोर्ट सख्त, पूर्व विधायक मालचंद की पुत्रवधू को नहीं मिली राहत
उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने पुरोला ब्लॉक अध्यक्ष और पूर्व विधायक मालचंद की पुत्रवधू श्रीमती निशिता को बड़ी राहत देने से इनकार कर दिया है। अदालत ने इस मामले में सभी संबंधित पक्षों को तीन सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।
यह मामला श्रीमती निशिता द्वारा जिला न्यायालय, उत्तरकाशी (सीनियर डिवीजन) की न्यायाधीश श्रीमती जयश्री राणा के आदेश को चुनौती देने से जुड़ा है। जिला न्यायालय ने हाल ही में उनके खिलाफ दो अलग-अलग जाति प्रमाण पत्रों का लाभ उठाने के गंभीर आरोपों पर विचार किया था।
सूत्रों के अनुसार, श्रीमती निशिता पर आरोप है कि उन्होंने दो भिन्न जाति प्रमाण पत्रों के आधार पर सरकारी लाभ और चुनावी प्रक्रिया में अनुचित लाभ लेने का प्रयास किया। बताया गया है कि ब्लॉक प्रमुख पद के लिए उनका नामांकन भी कथित रूप से गलत तरीके से प्राप्त जाति प्रमाण पत्र के आधार पर स्वीकार किया गया था।
इस प्रकरण में श्रीमती आंचल ने याचिका दायर कर न्यायालय से मांग की थी कि निशिता के खिलाफ जारी आदेश, जिसमें उनकी वित्तीय और प्रशासनिक शक्तियों पर रोक (स्टे) लगाई गई थी, को निरस्त किया जाए।
हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह स्पष्ट किया कि ’’मामले की सुनवाई जिला न्यायालय, उत्तरकाशी में जारी रहेगी, जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने यह भी कहा कि पारदर्शिता और जवाबदेही किसी भी जनप्रतिनिधि के लिए अनिवार्य है और कानून का शासन सभी पर समान रूप से लागू होता है।
अगली सुनवाई की तारीख उच्च न्यायालय द्वारा तीन सप्ताह बाद तय की जाएगी।
यह फैसला उत्तराखंड में पंचायतों में पारदर्शिता और नैतिक जवाबदेही को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

