उत्तराखंड ने मानसून क्षति के लिए 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता की मांग की
देहरादून, 04 सितंबर 2025 – उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन विभाग ने इस वर्ष मानसून के दौरान हुई क्षति की प्रतिपूर्ति और भविष्य में अवस्थापना संरचनाओं को संभावित नुकसान से बचाने के लिए भारत सरकार से 5702.15 करोड़ रुपये की विशेष सहायता प्रदान करने का अनुरोध किया है। इस संबंध में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने अपर सचिव, आपदा प्रबंधन प्रभाग, गृह मंत्रालय, भारत सरकार को एक विस्तृत ज्ञापन भेजा है।
श्री विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस वर्ष प्राकृतिक आपदा से लोक निर्माण विभाग और सार्वजनिक सड़कों को लगभग 1163.84 करोड़ रुपये, सिंचाई विभाग की परिसंपत्तियों को 266.65 करोड़ रुपये, ऊर्जा विभाग को 123.17 करोड़ रुपये, स्वास्थ्य विभाग की परिसंपत्तियों को 4.57 करोड़ रुपये, विद्यालयी शिक्षा विभाग की परिसंपत्तियों को 68.28 करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा विभाग की परिसंपत्तियों को 9.04 करोड़ रुपये, मत्स्य विभाग को 2.55 करोड़ रुपये, ग्राम्य विकास विभाग को 65.50 करोड़ रुपये, शहरी विकास को 4 करोड़ रुपये, पशुपालन विभाग को 23.06 करोड़ रुपये, और अन्य विभागीय परिसंपत्तियों को 213.46 करोड़ रुपये की क्षति हुई है। इस प्रकार सभी राजकीय विभागों को कुल लगभग 1944.15 करोड़ रुपये की सीधी क्षति हुई है।
इन परिसंपत्तियों के पुनर्निर्माण और पुनर्प्राप्ति के लिए 1944.15 करोड़ रुपये के साथ-साथ, परिसंपत्तियों को बचाने और आपदा से क्षतिग्रस्त होने की कगार पर मौजूद मार्ग, आबादी वाले क्षेत्रों, और अन्य अवस्थापना संरचनाओं को स्थिर करने के लिए 3758.00 करोड़ रुपये की अतिरिक्त सहायता मांगी गई है। इस प्रकार, वर्ष 2025 में हुई आपदा से निपटने के लिए उत्तराखंड राज्य ने कुल 5702.15 करोड़ रुपये की धनराशि की मांग की है, ताकि क्षतिग्रस्त परिसंपत्तियों की मरम्मत, पुनर्प्राप्ति और पुनर्निर्माण किया जा सके, साथ ही अवस्थापना संरचनाओं, सार्वजनिक परिसंपत्तियों, मार्गों और आबादी वाले क्षेत्रों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके, जिससे आपदा का प्रभाव न्यूनतम रहे और बड़ी क्षति से बचा जा सके।
श्री विनोद कुमार सुमन ने आगे बताया कि प्राकृतिक आपदा से 1 अप्रैल 2025 से 31 अगस्त 2025 के बीच 79 व्यक्तियों की मृत्यु हुई है, 115 लोग घायल हुए हैं, और 90 लोग लापता हैं। इसके अलावा, 3953 छोटे और बड़े पशुओं की मृत्यु हुई है। 238 पक्के भवन और 2 कच्चे भवन ध्वस्त हुए हैं, जबकि 2835 पक्के भवन और 402 कच्चे भवन गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त, बड़ी संख्या में व्यावसायिक भवन, दुकानें, होटल, होमस्टे, रेस्तरां और अन्य संरचनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं।