हरेला को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने के लिए मैराथन दौड़
रुद्रप्रयाग: देवभूमि उत्तराखंड में हरेला पर्व को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मान्यता दिलाने की मांग को लेकर 19 सितंबर, गुरुवार सुबह तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर से नई दिल्ली के लिए 500 किमी की हरेला मैराथन दौड़ शुरू हुई। इस मैराथन में उत्तराखंड की फ्लाइंग गर्ल भागीरथी बिष्ट और अंतरराष्ट्रीय एथलीट सुनील शर्मा जैसे कई प्रसिद्ध धावक शामिल हैं।
पहले दिन की दौड़ तुंगनाथ मंदिर से चोपता और मक्कूमठ होते हुए रुद्रप्रयाग तक पहुंचेगी। तृतीय केदार तुंगनाथ मंदिर समुद्रतल से 12,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यह विश्व का सबसे ऊँचा शिवालय है। यहां से हरेला पर्व को राष्ट्रीय पर्व घोषित करने की मांग के साथ राज्य, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के धावकों ने इस मैराथन का आयोजन किया है, जो दिल्ली तक चलेगी।
मैराथन का कार्यक्रम
मैराथन के आयोजक अभिषेक मैठाणी ने बताया कि यह दौड़ विभिन्न चरणों में होगी:
- 20 सितंबर: रुद्रप्रयाग से देवप्रयाग
- 21 सितंबर: देवप्रयाग से ऋषिकेश
- 22 सितंबर: ऋषिकेश से रामपुर-तिराहा मुजफ्फरनगर
- 23 सितंबर: रामपुर तिराहा से मेरठ
- 24 सितंबर: मेरठ से नई दिल्ली गढ़वाल भवन
दिल्ली में गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी के माध्यम से मांगपत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सौंपा जाएगा।
हरेला पर्व का महत्व
उत्तराखंड में हरेला पर्व को पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है, जो प्रकृति से जुड़ा हुआ है और हरियाली के आगमन का प्रतीक माना जाता है। इस त्योहार के दौरान सरकारी और गैर सरकारी विभागों के साथ-साथ आम लोग भी पौधा रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हैं।