Gabbar का रिटायरमेंट, फैन्स क्यों है बहुत ज्यादा नाराज
शिखर धवन ने सन्यास ले लिया है। अब क्रिकेट का गब्बर पिच पर अपनी पट पर थाप देकर जश्न मनाते हुए नहीं दिखेगा। शिखर का करियर बहुत उतार-चढ़ाव का रहा है। अपने करियर के दो सबसे खराब सालों के बाद उन्होंने सन्यास ले लिया है। शिखर ने एक वीडियो जारी करते हुए अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। उन्होंने अपने परिवार के साथ-साथ बचपन के कोचों का धन्यवाद करते हुए कहा कि उन्हें इस बात का दुख नहीं है कि वे अब अपने देश के लिए नहीं खेल पाएंगे, बल्कि इस बात की खुशी है कि उन्होंने अपने देश के लिए कई साल क्रिकेट खेला।
शिखर का करियर वैसे तो 2022 में ही खत्म हो गया था, क्योंकि आखिरी बार शिखर ने दिसंबर 2022 में अपना आखिरी वन-डे मैच बांग्लादेश के खिलाफ खेला था। शिखर की वापसी की राह 2023 वर्ल्ड कप में सेलेक्शन न होने के बाद ही खत्म हो गई थी। उस समय उन्हें केवल वन-डे क्रिकेट ही खिलाया जा रहा था और उनकी आस 2023 वर्ल्ड कप से ही थी। धवन वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा बनने के लिए मेहनत कर रहे थे, लेकिन उनकी जगह गिल को टीम में जगह दी गई।
धवन के फैंस को लगता है कि उनके साथ काफी नाइंसाफी हुई है। उनके शानदार करियर के बावजूद उनके खराब फॉर्म के दौरान उन्हें बैक नहीं किया गया। केएल राहुल, शुभमन गिल और ईशान किशन को ज्यादा बैक करते हुए टीम में जगह दी गई।
पूर्व भारतीय क्रिकेटर वसीम जाफर ने भी एक्स पर लिखा कि “बड़े टूर्नामेंट का खिलाड़ी, जिसे कभी वो प्रशंसा नहीं मिली जिसका वो हकदार था और उसे ये पता भी था। जब तक टीम जीत रही थी, तब तक उसे परवाह नहीं थी कि प्रशंसा किसे मिल रही है। पूरी तरह से एक टीम मैन। शानदार करियर के लिए बधाई और आपकी दूसरी पारी के लिए शुभकामनाएं।”
वसीम जाफर का भी मानना है कि शिखर जिस फेयरवेल के हकदार थे, उन्हें वो मिला नहीं। कई बार टीम को जीत दिलाने के बावजूद जीत का श्रेय किसी और को ही मिल जाता था, क्योंकि शिखर टीम के लिए खेलते थे। कई बार 90 के दशक में आउट हुए क्योंकि वे कभी अपनी सेंचुरी के लिए नहीं खेले।
शिखर बड़े मैचों के प्लेयर थे और उन्हें मिस्टर आईसीसी भी कहा जाता है, क्योंकि कई आईसीसी टूर्नामेंट्स में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए टीम को जीत दिलाई है। धवन एशिया कप 2014, वर्ल्ड कप 2015, चैंपियंस ट्रॉफी 2017 और एशिया कप 2018 में भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे हैं।
38 साल के धवन का करियर भारत के लिए 13 साल से ज्यादा समय तक चला। 20 अक्टूबर 2010 को उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे मैच से इंटरनेशनल क्रिकेट में अपना डेब्यू किया। 269 अंतरराष्ट्रीय मैचों में उन्होंने 24 शतक और 55 अर्धशतक मारे। 34 टेस्ट, 167 वनडे और 68 टी20 मैच में उन्होंने 10,687 रन बनाए हैं, जिसमें 2315 टेस्ट में, 6793 रन वनडे में और 1579 रन टी-20 में शामिल हैं।
शिखर के रिटायरमेंट के बाद हर कोई उन्हें शुभकामनाएं दे रहा है। उनका नाम गब्बर रणजी टीम के कोच विजय दहिया ने रखा था, क्योंकि वे पिच पर फिल्म शोले के डॉयलॉग बोला करते थे।
शिखर के रिटायरमेंट का फैसला उनके फैंस के लिए इसलिए भी ज्यादा दुखी करने वाला है क्योंकि उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट के साथ-साथ डोमेस्टिक क्रिकेट से भी सन्यास ले लिया है। इसीलिए अब शिखर आईपीएल में खेलते हुए भी नहीं दिखेंगे।
भारत का एक सफल बल्लेबाज जिसने भारत को कई टूर्नामेंट जिताए हैं, उसके लिए एक बेहतर फेयरवेल की उम्मीद थी। लेकिन जो सेहवाग, लक्ष्मण, युवराज जैसे खिलाड़ियों के साथ हुआ, वही गब्बर को भी झेलने को मिला। उन्हें मैदान से नहीं, बल्कि मैदान से बाहर अपना रिटायरमेंट करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
वहीं शिखर ने हिंदुस्तान टाइम्स के साथ बातचीत में कहा कि मोहाली में टेस्ट डेब्यू में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बनाए उनके 187 रन उनके करियर की सबसे शानदार पारी रही है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ही 2019 के वर्ल्ड कप में बनाए 117 रनों की पारी भी उनके दिल के काफी करीब है। इस पारी में 29 रन पर चोटिल होने के बावजूद धवन ने टूटे हुए अंगूठे के साथ पेन किलर खाते हुए शतक बनाया था।
बहरहाल, शिखर के शानदार करियर का अंत हो चुका है। उनके फैंस उन्हें दोबारा मैदान में बल्लेबाजी करते हुए और अपनी पट पर छाप देकर जश्न मनाते हुए देखना चाहते थे। लेकिन 2 साल तक इंतजार करने के बाद जब उन्हें लगा कि अब टीम में इतने युवा खिलाड़ी आ चुके हैं कि उनकी वापसी की राह और मुश्किल हो चुकी है, तो उन्होंने सन्यास ले लिया। अपनी पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में उतार-चढ़ाव देखने वाले शिखर धवन को भविष्य की ढेरों शुभकामनाएं।