उत्तराखंड पहुंचे पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, करेंगे कैंची धाम के दर्शन — चार दिवसीय कुमाऊं दौरा आज से शुरू
पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने चार दिवसीय कुमाऊं दौरे पर शनिवार को पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचे। यहां उनका भव्य स्वागत किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ामों के बीच प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों ने उनका स्वागत किया। अल्प विश्राम के बाद वे कैंची धाम (नैनीताल) के लिए रवाना हुए, जहां वे बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन करेंगे।
🔹 भारी सुरक्षा के बीच हुआ स्वागत
पंतनगर एयरपोर्ट पर पूर्व राष्ट्रपति के आगमन को लेकर पुलिस-प्रशासन ने पहले से ही कड़े सुरक्षा इंतज़ाम किए थे। पूरे एयरपोर्ट परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा बल तैनात रहे। इसके अलावा, उनके काफिले के रूट को भी डायवर्ट किया गया ताकि आवागमन में किसी तरह की दिक्कत न हो।
🔹 कैंची धाम में करेंगे दर्शन
रामनाथ कोविंद आज कैंची धाम मंदिर पहुंचकर बाबा नीम करौली महाराज के दर्शन और आशीर्वाद लेंगे। यह वही धाम है जहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु हर साल दर्शन के लिए आते हैं। यहां 15 जून को स्थापना दिवस पर विशाल मेला आयोजित होता है। फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के सीईओ स्टीव जॉब्स भी इस धाम के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त कर चुके हैं।
🔹 नैनीताल राजभवन में करेंगे विश्राम
दर्शन के बाद पूर्व राष्ट्रपति आज नैनीताल राजभवन में रात्रि विश्राम करेंगे। प्रशासन ने उनके ठहराव के लिए राजभवन में सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली हैं। सुरक्षा दृष्टि से नैनीताल में भी पुलिस बल तैनात किया गया है।
🔹 4 दिनों का पूरा कार्यक्रम
- 26 अक्टूबर: पंतनगर एयरपोर्ट आगमन, कैंची धाम दर्शन, नैनीताल में रात्रि विश्राम
- 27 अक्टूबर: नैनीताल और आसपास के क्षेत्रों का भ्रमण
- 28 अक्टूबर: अल्मोड़ा जनपद के द्वाराहाट में प्रस्तावित कार्यक्रम में शामिल होंगे
- 29 अक्टूबर: पुनः नैनीताल राजभवन में रात्रि विश्राम
- 30 अक्टूबर: पंतनगर एयरपोर्ट से दिल्ली के लिए प्रस्थान
🔹 कुमाऊं दौरे को लेकर उत्साह
पूर्व राष्ट्रपति के इस दौरे को लेकर प्रशासन और स्थानीय लोगों में उत्साह देखा जा रहा है। कैंची धाम और नैनीताल क्षेत्र में भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे शांति और अनुशासन बनाए रखें।
यह दौरा न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि उत्तराखंड के पर्यटन और धार्मिक स्थलों के प्रति देशभर में बढ़ती रुचि का भी प्रतीक है।

