पौड़ी जिला पंचायत के दो कनिष्ठ अभियंता बर्खास्त, करोड़ों की वित्तीय अनियमितता का मामला
पौड़ी (उत्तराखंड), 20 जुलाई 2025 — पंचायती राज विभाग में तैनात कनिष्ठ अभियंता सुदर्शन रावत और आलोक रावत को वित्तीय अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन के चलते सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने दोनों अधिकारियों की सेवा समाप्ति के आदेश जारी किए हैं।
2018 में हुई थी नियुक्ति, जांच में सामने आए कई गंभीर आरोप
सुदर्शन और आलोक रावत को वर्ष 2018 में उपनल के माध्यम से जिला पंचायत पौड़ी में कनिष्ठ अभियंता के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद 5 अप्रैल 2021 को शासनादेश के तहत दोनों को तदर्थ आधार पर जेई नियुक्त किया गया।
कुछ ही समय में दोनों पर निर्माण कार्य, सप्लाई और सेवाओं से जुड़ी निविदाओं में गंभीर गड़बड़ियों और नियम उल्लंघन के आरोप लगने लगे। इनकी शिकायत खांड्यूसैंण निवासी करन रावत और जिला पंचायत सदस्य गौरव रावत ने गढ़वाल कमिश्नर और शासन स्तर तक पहुंचाई।
जांच में सिद्ध हुआ भ्रष्टाचार, पत्नी के खाते में करोड़ों की एंट्री
- नवंबर 2024 में शासन ने मामले की जांच के आदेश दिए और निदेशक पंचायती राज को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया।
- 11 जून 2025 को रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि सुदर्शन रावत ने प्रभारी अभियंता रहते हुए भवन और होटलों के मानचित्रों की स्वीकृति नियमों को दरकिनार कर स्वयं ही कर दी।
- सबसे गंभीर आरोप तब सामने आया जब एक फर्म को भुगतान की गई ₹1.47 करोड़ की राशि में से 25% हिस्सेदारी दोनों अभियंताओं की पत्नियों के नाम पर तय की गई थी।
विजिलेंस जांच में यह भी सामने आया कि सितंबर 2024 में सुदर्शन रावत की पत्नी के बैंक खाते में ₹84.27 लाख जमा हुए थे।
सस्पेंशन के बाद बर्खास्तगी, सभी भत्ते भी रोके गए
- अक्टूबर 2024 में सुदर्शन रावत को निलंबित कर दिया गया था।
- अब जब जांच में आरोप सिद्ध हो गए, तो दोनों अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया।
- सचिव चंद्रेश कुमार ने यह भी आदेश दिए कि निलंबन अवधि के दौरान कोई भत्ता या वेतन नहीं दिया जाएगा।