अभी तक भारत जीत चुका है 3 Medal, औऱ कितने आ सकते हैं ? Paris 2024 Olympics
भारत ने अभी तक पैरिस ओलंपिक में 3 मैडल जीते हैं, और तीनों ही मैडल भारत को शूटिंग में मिले हैं सबसे पहले मनु भाकर ने 10 मीटर एयर पिस्टल इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता और फिर सरबजोत सिंह के साथ भी उन्होंने मिक्स शूटिंग इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल जीता इसके अलावा तीसरा ब्रॉन्ज मैडल भारत को 50 मीटर राइफल में स्वप्निल कुसाले ने दिलाया
मनु भाकर भारत के लिए एक ओलिंपिक में दो मेडल जीतने वाली पहली भारतीय बन गई हैं 22 साल की मनु भाकर स्कूल में टेनिस, स्केटिंग और बॉक्सिंग खेल चुकी हैं यहां तक कि मार्शल आर्ट्स की एक फॉर्म ‘थांग टा’ में भी वो नेशनल लेवल पर मेडल जीत चुकी हैं लेकिन 2016 के बाद जब मनु भाकर 14 साल की थीं तो उनका मन बदल गया और फिर उन्होंने शूटिंग में अपनी रुचि दिखाई और इसे ही अपना प्रोफेशन बनाया
वहीं किसान परिवार से आने वाले सरबजोत सिंह साल 2016 में अपने कोच अभिषेक राना के पास कोचिंग के लिए उनकी अंबाला स्थित एकेडमी में आए थे जिसके बाद 2017 में ही सरबजोत सिंह ने राष्ट्रीय चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता और तभी से शूटिंग में सरबजोत से काफी उम्मीदें की जाने लगी थीं
वहीं 28 साल के स्वप्निल कुसाले 2012 से इंटरनेशनल शूटिंग इवेंट्स में हिस्सा ले रहे हैं लेकिन ओलंपिक में पहली बार पहुंचे और मैडल जीत कर आए हैं उन्होंने 2015 में कुवैत में हुई एशियन शूटिंग चैंपियनशिप में 50 मीटर राइफल प्रोन 3 इवेंट में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं स्वप्निल 59वें नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप में गगन नारंग और चेन सिंह जैसे शूटर्स को हरा चुके हैं
वैसे स्वप्निल अपना रोल मॉडल एमएस धोनी को मानते हैं क्योंकि धोनी की तरह स्वप्निल भी सेंट्रल रेलवे में टिकट कलेक्टर का काम करते हैं
बहरहाल अभी और कितने मैडल आ सकते हैं उस पर एक नजर डालते हैं भारत की सबसे बड़ी उम्मीद नीरज चोपड़ा से है जो जैवलिन थ्रो में 2020 ओलंपिक में गोल्ड जीत चुके हैं और उनसे उम्मीद है कि वो अपनी परफॉर्मेंस बरकरार रखेंगे वहीं निकहत जरीन से भी बॉक्सिंग में उम्मीदें लगाई जा रही हैं क्योंकि वो लगातार 2022 और 2023 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं
कुश्ती में अमान शेहरावत से भी मेडल की उम्मीद है कुश्ती में ही अंतिम पंघल से भी मेडल की उम्मीद लगाई जा रही है इसके अलावा आर्चरी में भी तरुणदीप, धीरज और परवीन से मैडल की उम्मीद है
वैसे देखना अब ये होगा कि कितने मैडल भारत के खाते में आते हैं और क्या जिन खिलाड़ियों से उम्मीद है वो कुछ कमाल कर पाते हैं या नहीं