देहरादून हो रहा व्यवस्थित और सुरक्षित: MDDA उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में शहर का कायाकल्प
विकेश शाह-
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण शहर को अव्यवस्थित विकास से बचाने और नागरिकों के हितों की रक्षा करने में सराहनीय भूमिका निभा रहा है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के कुशल नेतृत्व में एमडीडीए ने अवैध प्लाटिंग, अनधिकृत निर्माणों और भ्रामक प्रचार पर कड़ा प्रहार किया है, जिससे देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में सकारात्मक बदलाव आया है। शहर अब अधिक व्यवस्थित, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से विकसित हो रहा है, जो निवासियों के लिए एक बड़ा वरदान साबित हो रहा है।
बंशीधर तिवारी, जो उत्तराखंड के एक सक्रिय और सशक्त प्रशासनिक अधिकारी के रूप में जाने जाते हैं, ने एमडीडीए के उपाध्यक्ष का पद संभालते ही शहर के विकास को नई दिशा दी है। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में प्राधिकरण ने अवैध प्लाटिंग को जड़ से उखाड़ फेंकने का अभियान चलाया है। वो खुद जमीनी स्तर पर काम करते हुए छापेमारी करते हैं। पिछले एक महीने की ही बात करें तो 150 बीघा से अधिक भूमि पर अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया है। इसके अलावा, दर्जनों बहुमंजिला भवनों और व्यावसायिक निर्माणों को सील किया गया, जैसे कि पेसिफिक गोल्फ सहस्रधारा रोड, कुल्हान मानसिंह और नेहरू कॉलोनी में। इन कार्रवाइयों से शहर में अवैध अतिक्रमण पर रोक लगी है, जिससे ट्रैफिक, पर्यावरण और सुरक्षा जैसे मुद्दों में सुधार हुआ है। अवैध अतिक्रमण की वजह से शहर में लगने वाला जाम सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. जिसपर एमडीडीए का बुल्डोजर लगातार गरजता है.
एमडीडीए की यह सख्ती न केवल अवैध गतिविधियों को रोक रही है, बल्कि शहर के नागरिकों को ठगी से बचा रही है। उपाध्यक्ष तिवारी ने जनता को संदेश देते हुए कहा है कि “शहर को अव्यवस्थित और अवैध तरीके से फैलने नहीं दिया जाएगा। इस दृष्टिकोण से देहरादून में भूमि संबंधी धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है। विशेष रूप से, सोशल मीडिया पर भ्रामक विज्ञापनों और खबरों पर नजर रखने के लिए छह सदस्यीय टीम का गठन एक अनूठी पहल है। यह टीम फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर निगरानी रखती है, ताकि अवैध प्लाटिंग या फ्लैट्स की बिक्री से संबंधित झूठी जानकारियां फैलने न पाएं। इससे आम जनता अपने पैसे और भविष्य को खतरे में डालने से बच रही है, और एमडीडीए अपने प्लेटफॉर्म्स पर सही जानकारी उपलब्ध कराकर पारदर्शिता सुनिश्चित कर रहा है।
बंशीधर तिवारी के नेतृत्व में एमडीडीए की आर्थिक मजबूती भी उल्लेखनीय है। 2023-24 में प्राधिकरण ने भवनों के नक्शों से रिकॉर्ड 214 करोड़ रुपये से अधिक राजस्व प्राप्त किया, जो 2022-23 के 137 करोड़ की तुलना में बड़ी छलांग है। शमन कैंपों के माध्यम से 19 फाइलों में 2.20 करोड़ रुपये का शुल्क आरोपित किया गया, जो नागरिकों को राहत प्रदान करते हुए सरकार के खजाने को मजबूत कर रहा है। इसके अलावा, वन टाइम सेटलमेंट स्कीम (ओटीएस) से 200-250 करोड़ रुपये तक राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। यह धन शहर के बुनियादी ढांचे, जैसे सड़कें, पार्क और जल आपूर्ति में निवेश किया जा रहा है, जिससे देहरादून का समग्र विकास हो रहा है।
तिवारी जी की बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण उनके अतिरिक्त दायित्वों से मिलता है। हाल ही में उन्हें अपर सचिव मुख्यमंत्री उत्तराखंड शासन का प्रभार सौंपा गया है, साथ ही वे महानिदेशक सूचना के पद पर भी हैं। इन जिम्मेदारियों के बावजूद, उन्होंने एमडीडीए को प्राथमिकता दी और शहर को सुरक्षित विकास की राह पर ले आए। ग्राम चालंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर 500 करोड़ के घोटाले की अफवाहों को प्राधिकरण ने सिरे से खारिज किया, जो उनकी पारदर्शिता की मिसाल है।
देहरादून के निवासियों का कहना है कि एमडीडीए की इन कार्रवाइयों से शहर में हड़कंप मचा है, लेकिन यह हड़कंप सकारात्मक है—अवैध बिल्डरों में डर पैदा हो रहा है, जबकि आम नागरिकों को विश्वास मिल रहा है। पिछले वर्ष की तुलना में अवैध निर्माणों में 30% की कमी आई है (एमडीडीए रिपोर्ट्स के अनुसार), और राजस्व में 56% की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे शहर की अर्थव्यवस्था मजबूत हुई है और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में नई संभावनाएं खुली हैं।
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने भी अपनी मंशा साफ जाहिर की है उन्होनें कहा “हमारा उद्देश्य नागरिकों के लिए सुरक्षित और व्यवस्थित शहरी विकास सुनिश्चित करना है।” उनके नेतृत्व में एमडीडीए न केवल शहर को अवैध गतिविधियों से मुक्त कर रहा है, बल्कि एक आदर्श विकास मॉडल स्थापित कर रहा है। देहरादून अब एक ऐसे शहर की ओर अग्रसर है, जहां नियमों का पालन सर्वोपरि है और विकास सबके हित में है।