मद्महेश्वर धाम पैदल मार्ग क्षतिग्रस्त, अब तक 40 यात्री रेस्क्यू, खतरे के निशान से ऊपर बह रही अलकनंदा
रुद्रप्रयाग में बारिश से बिगड़े हालात, यात्रा मार्ग बंद
उत्तराखंड में मानसूनी बारिश लगातार कहर बरपा रही है। पहाड़ी जिलों में नदियां-नाले उफान पर हैं और जगह-जगह भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। रुद्रप्रयाग जिले में भारी बारिश के कारण द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर धाम को जोड़ने वाला पैदल मार्ग पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। करीब 50 मीटर हिस्सा बह जाने से यात्री विभिन्न पड़ावों पर फंसे हुए हैं।
मार्ग ध्वस्त, यात्रियों का रेस्क्यू जारी
शनिवार रात हुई मूसलाधार बारिश के चलते गौंडार-बणतोली के बीच का पैदल मार्ग भूस्खलन की चपेट में आ गया। आवाजाही ठप होने से धाम की ओर गए यात्री रास्ते में ही रुक गए। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं और कठिन परिस्थितियों में रास्ता बनाकर यात्रियों का रेस्क्यू शुरू किया। अब तक करीब 40 यात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है, जबकि राहत-बचाव अभियान अभी भी जारी है।
रुद्रप्रयाग के एसपी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने कहा कि,
“लगातार बारिश से जिले में नदियां उफान पर हैं। मद्महेश्वर मार्ग बंद हो गया है। संबंधित विभागों को सतर्क रहने और लोगों व मवेशियों को नदी किनारों से दूर रखने के निर्देश दिए गए हैं।”
खतरे के निशान से ऊपर बह रही अलकनंदा
बदरीनाथ क्षेत्र में हो रही भारी बारिश के चलते अलकनंदा नदी का जलस्तर 626.10 मीटर तक पहुंच गया है, जो खतरे के निशान (626.00 मीटर) से ऊपर है। वहीं, मंदाकिनी नदी का स्तर अभी 624.70 मीटर दर्ज किया गया है, जो फिलहाल खतरे की सीमा से नीचे है।
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ा
पहाड़ों की बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखाई देने लगा है। हरिद्वार में गंगा का जलस्तर 292.60 मीटर दर्ज किया गया है, जबकि चेतावनी स्तर 293 मीटर है। लगातार बढ़ते जलस्तर को देखते हुए निचले इलाकों में अलर्ट जारी कर दिया गया है।
एसडीओ भारत भूषण, उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग ने बताया कि,
“गंगा का जलस्तर चेतावनी लेवल से नीचे है, लेकिन जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। बाढ़ चौकियों और आपदा प्रबंधन की टीमें सक्रिय हैं। तराई क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सतर्क रहने और नदी से दूर रहने की सलाह दी गई है।”
हरिद्वार में जलभराव से परेशानी
लगातार बारिश के चलते हरिद्वार के कई हिस्सों में जलभराव हो गया है। चंद्राचार्य चौक, रानीपुर मोड़, भगत सिंह चौक और ज्वालापुर के पीठ बाजार में सड़कों पर कई फीट पानी जमा हो गया। वाहनों और राहगीरों को इस पानी से निकलने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
स्थानीय लोग बताते हैं कि हरिद्वार में जलभराव की समस्या पुरानी है। कई बार कार्ययोजना बनने के बावजूद अब तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला जा सका है।