केदारनाथ पैदल यात्रा मार्ग के पड़ावों में किया जाएगा यात्रियों के प्रवास का इंतजाम
रुद्रप्रयाग, 29 मार्च – आगामी 2 मई से शुरू हो रही केदारनाथ यात्रा के लिए प्रशासन ने विस्तृत तैयारियाँ पूरी कर ली हैं। इस बार धाम में एक रात में अधिकतम 15,000 श्रद्धालुओं के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही, पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर भी 2,000 यात्रियों के ठहरने की सुविधा सुनिश्चित की गई है।
प्रवास और भोजन की जिम्मेदारी जीएमवीएन को
गढ़वाल मंडल विकास निगम (GMVN) को इस वर्ष भी यात्रियों के भोजन और रात्रि प्रवास की व्यवस्था की जिम्मेदारी सौंपी गई है। समुद्र तल से 11,750 फीट की ऊँचाई पर स्थित केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण के तहत इस वर्ष कई नए भवन तैयार हो चुके हैं, जिससे यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी। इसके अलावा, टेंट व्यवस्था और अन्य अस्थायी इंतजाम भी किए जाएंगे ताकि धाम में यात्रियों का ठहराव सुचारू रूप से हो सके।
यात्रियों को तीर्थपुरोहितों के आवासीय व व्यावसायिक भवनों, जीएमवीएन कॉटेज और निजी टेंट में ठहरने की सुविधा मिलेगी।
पैदल मार्ग पर भी प्रवास की व्यवस्था
गौरीकुंड से केदारनाथ तक पैदल मार्ग के प्रमुख पड़ावों पर भी यात्रियों के रात्रि प्रवास की व्यवस्था की गई है:
- जंगलचट्टी, भीमबली, छोटी लिनचोली, बड़ी लिनचोली, छानी कैंप, रुद्रा प्वाइंट और बेस कैंप में 2,000 श्रद्धालु ठहर सकेंगे।
- प्रशासन का कहना है कि पूरे यात्रा काल के दौरान तीर्थयात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा।
मार्ग तैयारियों को 25 अप्रैल तक पूरा करने का लक्ष्य
प्रशासन ने 25 अप्रैल तक सोनप्रयाग से केदारनाथ तक सभी आवश्यक तैयारियाँ पूरी करने का लक्ष्य रखा है।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर रामबाड़ा से लिनचोली के बीच बर्फ हटाने का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब लोनिवि के मजदूर लिनचोली से छानी कैंप तक मार्ग की बर्फ सफाई में जुटे हैं, जहाँ कई संवेदनशील स्थानों पर अभी भी तीन फीट से अधिक बर्फ जमी हुई है।
प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें और पंजीकरण प्रक्रिया को समय पर पूरा करें ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।