झारखंड ने रचा इतिहास: सब-जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप में लगातार पांचवीं बार जीता खिताब, फाइनल में ओडिशा को दी शिकस्त
मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा अंतर्राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम में रविवार को खेले गए हाई-वोल्टेज फाइनल मुकाबले में झारखंड की बेटियों ने ओडिशा को 1-0 से हराकर लगातार पांचवीं बार सब-जूनियर महिला हॉकी चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम कर लिया। इस ऐतिहासिक जीत के साथ झारखंड ने एक बार फिर देश को यह जता दिया कि हॉकी की असली नर्सरी अब भी पूर्वी भारत में धड़क रही है।
फाइनल में कांटे की टक्कर, तीसरे क्वार्टर में झारखंड को बढ़त
मैच की शुरुआत से ही दोनों टीमों ने आक्रामक खेल दिखाया। पहले और दूसरे क्वार्टर तक मुकाबला बराबरी पर रहा, लेकिन तीसरे क्वार्टर में झारखंड की ओर से जिनसोई मुंडा ने एक शानदार फील्ड गोल दागा, जिसने टीम को 1-0 की बढ़त दिला दी। इसके बाद ओडिशा की टीम ने कई बार वापसी की कोशिश की, मगर झारखंड की मजबूत डिफेंस लाइन ने उन्हें कोई मौका नहीं दिया।
झारखंड की बेटियों का आत्मविश्वास और तकनीक शानदार
पूरे टूर्नामेंट में झारखंड की टीम ने अपराजेय रहते हुए खिताब अपने नाम किया। खिलाड़ियों के कौशल, आत्मविश्वास और अनुशासन ने पूरे स्टेडियम को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्टैंड्स में मौजूद दर्शकों ने झारखंड की बेटियों के प्रदर्शन पर तालियों से स्वागत किया। ओडिशा की टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा, लेकिन उनके खेल की भी सभी ने सराहना की।
सम्मान समारोह में दिग्गजों की मौजूदगी, खिलाड़ियों को मिला प्रोत्साहन
मैच के बाद हुए समापन समारोह में भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान सलीमा टेटे, टीम की सदस्य ब्यूटी डुंगडुंग, हॉकी इंडिया के महासचिव भोला नाथ सिंह, झारखंड के खेल मंत्री सुदिव्य कुमार, और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
हॉकी इंडिया महासचिव ने विजेता टीम को ₹1 लाख का नगद पुरस्कार देने की घोषणा की, जबकि खेल मंत्री ने कहा, “झारखंड की बेटियों ने साबित कर दिया है कि प्रतिभा किसी भी संसाधन की मोहताज नहीं होती। यह जीत पूरे राज्य की बेटियों के लिए प्रेरणा है।”
28 टीमों की भागीदारी, झारखंड की बेहतरीन रणनीति ने दिलाया खिताब
इस बार की चैंपियनशिप में देशभर की 28 टीमों ने भाग लिया था। झारखंड ने लीग चरण से लेकर फाइनल तक एक भी मैच नहीं गंवाया। कोचिंग स्टाफ की रणनीति, खिलाड़ियों की मेहनत और प्रशासनिक सहयोग ने टीम को अपराजेय बनाए रखा।
अवार्ड विजेता खिलाड़ी:
- फाइनल की प्लेयर ऑफ द मैच: जिनसोई मुंडा (झारखंड)
- टूर्नामेंट की टॉप स्कोरर: लालृंहलुई (मिजोरम)
- बेस्ट गोलकीपर: खिल्ली कुमारी (झारखंड)
- बेस्ट स्ट्राइकर: शिवानी केरकेट्टा (झारखंड)
निष्कर्ष:
यह जीत केवल एक ट्रॉफी नहीं, बल्कि झारखंड की बेटियों की संघर्ष, समर्पण और सपनों की जीत है। यह उपलब्धि राज्य में महिला खेलों को नई दिशा और ऊर्जा देने का काम करेगी।