गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई मां गंगा की डोली, बेटी की तरह दी विदाई, 30 अप्रैल को खुलेंगे कपाट
उत्तरकाशी (उत्तराखंड): चारधाम यात्रा 2025 की शुरुआत के साथ ही आस्था का सागर एक बार फिर उमड़ पड़ा है। मंगलवार को मां गंगा की भोग मूर्ति डोली पारंपरिक वाद्य यंत्रों की गूंज और सेना के बैंड की धुनों के साथ मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए रवाना हुई। डोली को शुभ अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 11:57 बजे गंगोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।
गांव के लोगों ने मां गंगा को अपनी बेटी की तरह कल्यो और फाफरे का भोग अर्पित कर भावुक विदाई दी। इस दौरान सोमेश्वर देवता की डोली भी उनके साथ धाम के लिए निकली। मां गंगा की डोली मंगलवार रात भैरो घाटी में विश्राम करेगी, जहां बुधवार 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया के पावन पर्व पर विधि-विधान से गंगोत्री धाम के कपाट प्रातः 10:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
श्रद्धालुओं के लिए सजा गंगोत्री धाम
डोली करीब 25 किलोमीटर की कठिन पैदल यात्रा तय कर बुधवार सुबह गंगोत्री पहुंचेगी। चारधाम यात्रा को लेकर गंगोत्री धाम में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंदिर परिसर से लेकर बाजार तक सब कुछ सुसज्जित है।
यमुनोत्री धाम के कपाट भी 30 अप्रैल को खुलेंगे
मां यमुना की डोली भी खरसाली गांव से बुधवार सुबह 9 बजे यमुनोत्री धाम के लिए रवाना होगी। यमुनोत्री मंदिर समिति के कोषाध्यक्ष प्रदीप उनियाल ने बताया कि मां यमुना के कपाट 11:30 बजे श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे।
चारधाम यात्रा के इस शुभारंभ ने एक बार फिर उत्तराखंड की पावन वादियों को भक्तिमय बना दिया है।