कैबिनेट विस्तार की चर्चाओं के बीच गणेश जोशी पर नया मोड़, हाईकोर्ट जाने की तैयारी!
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में हलचल मची हुई है। प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट को बदले जाने की चर्चाओं के बीच अब कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी भी सुर्खियों में हैं।
विवाद की जड़ क्या है?
गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला विजिलेंस कोर्ट में था, जिसे हाल ही में खारिज कर दिया गया। कोर्ट ने यह फैसला इसलिए लिया क्योंकि याचिकाकर्ता ने शपथ पत्र दाखिल नहीं किया था। भाजपा ने इसे मंत्री के लिए राहत करार दिया है, लेकिन जानकार इसे आने वाली मुसीबत की आहट मान रहे हैं।
फिर से विजिलेंस में शिकायत और हाईकोर्ट का विकल्प
इस फैसले के बाद याचिकाकर्ता एडवोकेट विकेश नेगी अब दोबारा विजिलेंस में शिकायत दर्ज करने की योजना बना रहे हैं। इस बार वह शपथ पत्र के साथ दस्तावेज सौंपेंगे, जिससे कोई तकनीकी खामी न रह जाए। साथ ही, उनके पास हाईकोर्ट जाने का भी विकल्प है, जिस पर उनकी लीगल टीम काम कर रही है।
कांग्रेस का हमला
कांग्रेस ने इस मामले पर सरकार को घेरते हुए कहा कि भाजपा अपने नेताओं को बचाने में लगी है। कांग्रेस प्रवक्ता प्रतिमा सिंह के अनुसार, राज्य सरकार जांच को प्रभावित कर रही है। यदि यह मामला हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट जाता है, तो गणेश जोशी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं।
आगे क्या?
भले ही विजिलेंस कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी हो, लेकिन मामला पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। याचिकाकर्ता कानूनी विकल्पों पर काम कर रहे हैं और विपक्ष इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा रहा है। ऐसे में देखना होगा कि गणेश जोशी के लिए यह मामला कितना गंभीर साबित होता है।