काबुल हाउस की शत्रु संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर मुकदमा दर्ज
काबुल हाउस के संपत्ति पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कब्जा करने वाले चार अभियुक्तों पर मुकदमा दर्ज किया गया है। इनमें दून निवासी भगवती प्रसाद उनियाल और यूपी निवासी शाहिद, खालिद, और मौहम्मद आरिफ शामिल हैं। इनके खिलाफ धारा-419/420/467/468/471/120 बी के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
इस संबंध में, काबुल हाउस के पास स्थित भूमि संख्या 15बी (नया नंबर 24) पर चल रहे विवाद का मुद्दा है। यह भूमि पूर्व में काबूल के अमीर, राजा याकूब साहब की सम्पत्ति थी, जो 1876 में ब्रिटिश सरकार द्वारा दी गई थी। इसके बाद इस भूमि को याकूब के वारिसों के नाम पर दर्ज किया गया था। 1947 में उनके वारिस पाकिस्तान चले गए थे और उसके बाद इसे कस्टूडियन संपत्ति (शत्रु संपत्ति) घोषित किया गया था।
2000 में, साहिद और खालिद ने अब्दुल रज्जाक के नाम पर भूमि को अपने नाम अंकित कराया और फिर उन्होंने इसे मौहम्मद आरिफ खान के पुत्र शफात अली खान को दे दिया।
यहां तक कि माननीय उच्च न्यायालय ने इसे सम्पत्ति पर कब्जा रखने के लिए सरकारी अधिकारियों के समक्ष रखने की भी आदेश दिया था। लेकिन विपक्षी ने मौहम्मद आरिफ खान पुत्र शफात अली खान और भगवती प्रसाद उनियाल जैसे लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी करके इस संपत्ति को अपने हाथ में ले लिया।
इस प्रकरण में सजा देने के लिए उच्च न्यायालय द्वारा धारा-419/420/467/468/471/120 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।