अगस्त्यमुनि-चाका ट्रॉली बंद, ग्रामीणों की जिंदगी मुश्किल में – दूध-सब्जी बर्बाद, चिनग्वाड़-पीड़ा मार्ग भी ठप
रुद्रप्रयाग। मंदाकिनी घाटी के ग्रामीण इन दिनों दोहरी मार झेल रहे हैं। एक ओर अगस्त्यमुनि-चाका मार्ग पर लगी इलेक्ट्रिक ट्रॉली खराब पड़ी है, तो दूसरी ओर रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़-पीड़ा मोटर मार्ग भी पिछले दो हफ्तों से बंद है। नतीजा यह है कि ग्रामीणों का दूध और सब्जी रोजाना बर्बाद हो रहा है और स्कूल जाने वाले बच्चों से लेकर कामकाजी महिलाओं तक, सभी को जान जोखिम में डालकर नदी और भूस्खलन प्रभावित रास्तों से गुजरना पड़ रहा है।
ट्रॉली पर टिकी ग्रामीणों की उम्मीद टूटी
अगस्त्यमुनि कस्बे के सामने मंदाकिनी नदी के पार बसे कई गांव रोजाना दूध और सब्जी बेचकर गुजर-बसर करते हैं। वर्षों से ग्रामीण यहां एक पुल की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकारों ने केवल घोषणाएं कीं। साल 2022 में अगस्त्यमुनि-चाका के बीच इलेक्ट्रिक ट्रॉली शुरू हुई, जिससे लोगों को राहत मिली। लेकिन अब यह ट्रॉली बार-बार खराब होने लगी है।
चाका गांव की महिलाएं और किसान बताते हैं कि ट्रॉली ही उनका मुख्य सहारा थी। इसके बंद होने से बच्चों की पढ़ाई और परिवार की रोजी-रोटी दोनों खतरे में पड़ गए हैं।
- “ट्रॉली ही आवाजाही का जरिया थी, अब वो भी बंद है। रोजी-रोटी पर संकट आ गया है।” – सुलोचना देवी
- “नीचे नदी गरज रही है और ऊपर पहाड़ गिर रहे हैं, अब बच्चों को स्कूल कैसे भेजें?” – भूमा देवी
चिनग्वाड़-पीड़ा मार्ग दो हफ्तों से ठप
रुद्रप्रयाग-चिनग्वाड़-पीड़ा मोटर मार्ग भी 6 अगस्त को भारी बारिश के बाद से बंद पड़ा है। डांगसेरा और अन्य स्थानों पर पहाड़ से गिरे बोल्डरों और मलबे ने सड़क को पूरी तरह रोक दिया है। पीएमजीएसवाई के अंतर्गत बनने वाली इस सड़क पर अब तक सफाई का काम शुरू नहीं हो पाया है। ग्रामीणों को रोजाना 3 से 4 किमी पैदल चलना पड़ रहा है।
सिरोबगड़: दशकों पुरानी समस्या जस की तस
बदरीनाथ हाईवे का सिरोबगड़ क्षेत्र लगातार यात्रियों और स्थानीय लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। हल्की बारिश में भी यहां पहाड़ से मलबा और बोल्डर गिरते हैं। सोमवार को एक बार फिर सिरोबगड़ में दो जगह हाईवे बंद हो गया। एनएच विभाग को इसे खोलने में घंटों लग गए।
ग्रामीणों का कहना है कि पपड़ासू-खांकरा बाईपास का निर्माण अगर पूरा हो जाए, तो सिरोबगड़ की समस्या हमेशा के लिए खत्म हो सकती है। लेकिन यह परियोजना पिछले 6-7 सालों से अधर में लटकी हुई है।
- “तीन दशक से सिरोबगड़ पहाड़ी मौत बरसा रही है, लेकिन सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।” – नरेंद्र ममगांई, पूर्व प्रधान
लगातार बंद हो रहे हाईवे
केदारनाथ हाईवे भी नैल और काकड़ागाड़ के पास भूस्खलन से बंद हो गया। इस कारण तीर्थयात्रियों और स्थानीय जनता को घंटों तक इंतजार करना पड़ा। जाम में फंसे यात्रियों को खाने-पीने तक के लाले पड़ गए।
जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार का कहना है कि बारिश के चलते बदरीनाथ और केदारनाथ हाईवे पर लगातार मलबा आ रहा है। एनएच विभाग की मशीनें सफाई में लगी हुई हैं।