अमित शाह ने देश के 150 साल पुराने कानूनों में किए बड़े बदलाव, लोकसभा में चर्चा
मंत्री अमित शाह ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली को बदलने के लिए कार्य किया है। उन्होंने विधेयकों की व्याख्या करते हुए कहा कि 150 साल पुराने कानूनों में विशेष परिवर्तन किए जा रहे हैं, जो कि आज के समय के जरूरतों को ध्यान में रखते हैं। इन परिवर्तनों में भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम शामिल हैं।
1860 में बनी भारतीय दंड संहिता को अब भारतीय न्याय संहिता 2023 के रूप में बदला जाएगा, जो देशवासियों को न्याय देने के साथ-साथ सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इसके साथ ही, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 की जगह भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023 लागू होगा।
शाह ने कहा कि आतंकवाद और राजद्रोह की परिभाषा में भी बदलाव किया जा रहा है। पहली बार आतंकवाद की व्याख्या को कानून में शामिल किया जा रहा है ताकि इससे जुड़ी कमियों को दूर किया जा सके। उन्होंने कहा कि देशद्रोह को राजद्रोह से अलग कर दिया गया है, ताकि देश को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कानून लागू किया जा सके।
इसके साथ ही, आने वाले सौ सालों के तकनीकी इनोवेशन को भी ध्यान में रखा गया है। सीआरपीसी में होने वाले बदलाव में 531 धाराएं होंगी, जिसमें 177 धाराओं में बदलाव होंगे और 9 नई धाराएं जुड़ेंगी। इसके साथ ही, 39 नई उपधाराएं और 44 नए प्रावधान भी शामिल किए जाएंगे।