अगस्त्यमुनि में स्पोर्ट्स स्टेडियम निर्माण को लेकर बवाल, विधायक आशा नौटियाल को दो घंटे तक घेरा
रुद्रप्रयाग जनपद के अगस्त्यमुनि में प्रस्तावित स्पोर्ट्स स्टेडियम के निर्माण कार्य को लेकर एक बार फिर विवाद गहरा गया है। सोमवार को जैसे ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ, स्थानीय लोगों का विरोध उग्र हो गया। आंदोलनकारी गणपति पैलेस अगस्त्यमुनि पहुंच गए, जहां युवा पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन आयोजित किया गया था।
सम्मेलन में केदारनाथ विधायक आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, विधायक भरत चौधरी समेत जिले के विभिन्न गांवों के जनप्रतिनिधि, ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य और ब्लॉक प्रमुख मौजूद थे। इसी दौरान आंदोलनकारियों ने कार्यक्रम स्थल को घेर लिया और जमकर हंगामा किया।
प्रदर्शनकारियों ने स्टेडियम निर्माण को तत्काल बंद करने की मांग करते हुए विधायक आशा नौटियाल और जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत का घेराव किया। आंदोलनकारियों का कहना था कि अगस्त्यमुनि का मैदान मुनि महाराज की भूमि है और अगस्त्य ऋषि से जुड़ा पवित्र व ऐतिहासिक स्थल है, जहां किसी भी प्रकार का निर्माण स्वीकार नहीं किया जाएगा।
प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने आयोजन स्थल का मुख्य गेट बंद कर दिया, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई। नारेबाजी, बहस और नोंक-झोंक के बीच आंदोलनकारियों ने आरोप लगाया कि बिना जनसहमति और स्थानीय भावनाओं की अनदेखी कर निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
विधायक को दो घंटे तक घेरे रखा
स्टेडियम निर्माण के विरोध में आंदोलनकारियों ने विधायक आशा नौटियाल को करीब दो घंटे तक अपने घेरे में रखा। आंदोलनकारी लगातार विधायक से निर्माण स्थल पर पहुंचकर काम रुकवाने की मांग करते रहे। काफी प्रयासों के बाद जब विधायक निर्माण स्थल पर पहुंचीं, तब वहां त्रिभुवन चौहान लोगों को संबोधित कर रहे थे, जिससे माहौल और अधिक गरमा गया।
इस दौरान एक ओर विधायक आशा नौटियाल के विरोध में नारे लगे, वहीं दूसरी ओर त्रिभुवन चौहान को अपना विधायक बताते हुए उनके समर्थन में भी नारेबाजी हुई। इस घटनाक्रम के बाद पूरा मामला राजनीतिक रंग लेता नजर आया।
प्रशासन अलर्ट, डीएम को दी गई जानकारी
स्थिति को देखते हुए पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर तैनात रही। तहसीलदार ऊखीमठ रमेश रावत ने बताया कि पूरे घटनाक्रम की जानकारी जिलाधिकारी को दे दी गई है। जिलाधिकारी के निर्देशों के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।
वहीं विधायक आशा नौटियाल ने आंदोलनकारियों को आश्वासन दिया कि उनकी आपत्तियों को गंभीरता से सुना जाएगा और संबंधित विभागों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास किया जाएगा।

