ताजपोशी के बाद गणेश गोदियाल की पहली बड़ी बैठक, कार्यकर्ताओं में भर दिया जोश; 2027 में कांग्रेस की जीत पर फोकस
उत्तराखंड में नए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बने गणेश गोदियाल ने पदभार ग्रहण करने के दूसरे ही दिन पार्टी संगठन को मजबूती देने के लिए बड़ी बैठकों की श्रृंखला शुरू कर दी है। सोमवार को पार्टी मुख्यालय में उन्होंने पहले सभी 27 जिलों के अध्यक्षों के साथ बैठक की और उसके बाद एआईसीसी, पीसीसी सदस्यों, फ्रंटल संगठनों व वरिष्ठ नेताओं के साथ अलग से रणनीतिक चर्चा की। इन बैठकों का केंद्र बिंदु था—2027 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मजबूती से जीत दिलाना।
जिला अध्यक्षों को मजबूत संगठन का टारगेट
संगठन सृजन कार्यक्रम के तहत आयोजित पहली बैठक में कांग्रेस के सह-प्रभारी सुरेंद्र शर्मा और मनोज यादव भी मौजूद रहे। गोदियाल ने सभी जिला और महानगर अध्यक्षों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्रों में वरिष्ठ नेताओं, सक्रिय कार्यकर्ताओं और पार्टी समर्थकों को भरोसे में लेकर बूथ, न्याय पंचायत और ब्लॉक स्तर पर संगठन को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि सभी संगठनात्मक और आंदोलनात्मक कार्यक्रमों को समान रूप से प्रभावी तरीके से चलाना होगा।
संगठन पुनर्गठन की उठी मांग
बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में गोदियाल ने बताया कि उन्हें जिला व महानगर अध्यक्षों से कई महत्वपूर्ण फीडबैक मिले हैं। कई जिलों ने संगठनात्मक पुनर्गठन और परिसीमन से जुड़ी मांगें उठाई हैं, जिन पर पार्टी संज्ञान ले रही है।
2027 चुनाव को बताया उत्तराखंड का भविष्य
गोदियाल ने कहा,
“2027 का चुनाव सिर्फ चुनाव नहीं, बल्कि उत्तराखंड के भविष्य का सवाल है। यदि कांग्रेस कार्यकर्ता बूथ स्तर पर मजबूती से जुट जाएं, तो कोई भी ताकत कांग्रेस को जीतने से रोक नहीं सकती।”
उन्होंने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि पिछले वर्षों में प्रदेश की उम्मीदों को तोड़ा गया है, लेकिन इस बार कांग्रेस हर बूथ पर नई ऊर्जा के साथ उतरेगी।
वरिष्ठ नेताओं के बयान
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड की जनता अब परिवर्तन चाहती है। बेरोजगारी, महंगाई और उपेक्षा से परेशान जनता अब कांग्रेस की तरफ उम्मीद से देख रही है।
चुनाव अभियान समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ. हरक सिंह रावत ने सभी नेताओं से 2027 के लिए “मजबूत बूथ, सशक्त कार्यकर्ता और एकजुट नेतृत्व” की रणनीति पर काम करने का आग्रह किया।
विधायक सुमित हृदयेश, विक्रम नेगी, अनुपमा रावत और लखपत बुटोला ने भी बैठक में अपने विचार रखे।

