सीएम धामी ने पदयात्रा में किया सहभाग, चंपावत को दी ₹88 करोड़ की सौगात, कल करेंगे जौलजीबी मेले का शुभारंभ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर टनकपुर डिग्री कॉलेज से गांधी मैदान तक निकाली गई ‘एकता पदयात्रा’ में भाग लिया. इसके बाद उन्होंने गांधी मैदान में आयोजित सहकारिता मेला 2025 का शुभारंभ किया और चंपावत जिले को ₹88.11 करोड़ की विकास योजनाओं की सौगात दी.
🔹 चंपावत को मिली ₹88 करोड़ की योजनाएं
सीएम धामी ने इस अवसर पर कुल 8 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया —
- 24.79 करोड़ की 3 योजनाओं का लोकार्पण
- 63.33 करोड़ की 5 योजनाओं का शिलान्यास
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सहकारिता को सशक्त बनाकर किसानों, महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है. इस दौरान उन्होंने चार काश्तकारों को पशुपालन के लिए 1-1 लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि के चेक भी वितरित किए.
🔹 सहकारिता मेलों से बढ़ेगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
सीएम धामी ने कहा कि प्रदेश के सभी 13 जिलों में सहकारिता मेलों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे स्थानीय उत्पादकों, किसानों और महिला समूहों को अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार का अवसर मिल रहा है. टनकपुर मेला भी इसी दिशा में एक सशक्त पहल है.
🔹 जौलजीबी मेले का करेंगे उद्घाटन
मुख्यमंत्री धामी 14 नवंबर को एक दिवसीय दौरे पर पिथौरागढ़ जाएंगे, जहां वे अपने पैतृक गांव टुंडी-बारमौं का दौरा करेंगे और प्रसिद्ध जौलजीबी मेले का शुभारंभ करेंगे.
डीएम आशीष भटगांई और एसपी रेखा यादव ने पहले ही मेले की तैयारियों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए हैं.
🔹 जौलजीबी मेले का ऐतिहासिक महत्व
जौलजीबी मेला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में गोरी और काली नदियों के संगम पर आयोजित होता है.
1914 ईस्वी में शुरू हुआ यह मेला भारत-तिब्बत व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था. पुराने समय में यहां ऊन, नमक, घोड़े और वस्त्रों का व्यापार होता था. आज भी यह मेला कुमाऊंनी और नेपाली संस्कृति के मेल का प्रतीक है.
मेले में लोकगीत, पारंपरिक नृत्य, हस्तशिल्प, ऊनी वस्त्र और स्थानीय व्यंजन लोगों को आकर्षित करते हैं. यह मेला अब भी स्थानीय अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बना हुआ है.

