दून विश्वविद्यालय के ‘निनाद महोत्सव’ में छात्रों ने बिखेरा लोक-शास्त्रीय नृत्य का जादू
देहरादून, 10 नवंबर 2025 – दून विश्वविद्यालय ने अपनी रजत जयंती वर्षगांठ के भव्य आयोजन के बीच “निनाद महोत्सव” में ऐसा रंग जमा दिया कि दर्शक देर तक तालियाँ बजाते रहे। विश्वविद्यालय के थिएटर विभाग एवं संस्कृति विभाग, उत्तराखंड सरकार के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित पांच दिवसीय लोक एवं शास्त्रीय नृत्य कार्यशाला का समापन समारोह रविवार को धूमधाम से हुआ।
50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने उत्तराखंड की समृद्ध लोक नृत्य परंपराओं के साथ-साथ कथक, भरतनाट्यम, ओडिसी जैसी शास्त्रीय शैलियों में इतनी खूबसूरत प्रस्तुति दी कि पूरा सभागार मंत्रमुग्ध हो गया।

स्टार ट्रेनर – शिवानी मिश्रा की जादुई कोरियोग्राफी
प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना शिवानी मिश्रा (निदेशक, शिवोहम प्रोडक्शन) ने मुख्य प्रशिक्षक के रूप में कार्यशाला का संचालन किया। उनके साथ सौरभ त्रिपाठी और श्रीष्टी तिवारी ने सह-प्रशिक्षक की भूमिका निभाई।
कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल ने कहा:
“लोक और शास्त्रीय नृत्य हमारी सांस्कृतिक जड़ों के जीवंत प्रतीक हैं। इस तरह के बड़े मंच छात्रों के आत्मविश्वास और रचनात्मक अभिव्यक्ति को नई ऊँचाइयाँ देते हैं।”
IQAC निदेशक प्रो. एच.सी. पुरोहित बोले:
“यह कार्यशाला नृत्य के माध्यम से अभिव्यक्ति की विविधता को समझने और आत्मसात करने का अनूठा अवसर बनी।”
कार्यक्रम में प्रो. राजेश कुमार, डॉ. चेतना पोखरियाल, कुलसचिव दुर्गेश डिमरी, डॉ. राजेश भट्ट, डॉ. अजीत पंवार और डॉ. कैलाश कंडवाल ने छात्रों के अनुशासन, उत्साह और शानदार प्रदर्शन की जमकर तारीफ की।
‘निनाद महोत्सव’ ने एक बार फिर साबित कर दिया कि दून विश्वविद्यालय सिर्फ डिग्री नहीं, संस्कृति का भी सशक्त वाहक है।

