एमडीडीए की आढ़त बाजार पुनर्विकास बैठक: 3 नवंबर से रजिस्ट्री शुरू, 15 दिनों में स्वयं ध्वस्तीकरण अनिवार्य
देहरादून – मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना को गति देने के लिए प्राधिकरण सभागार में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। बैठक की अध्यक्षता सचिव मोहन सिंह बर्निया ने की, जिसमें विभागीय अधिकारी और कर्मचारी शामिल हुए।
निर्माण कार्य की स्थिति समीक्षा
बैठक में लेखपाल नजीर अहमद ने निर्माण की वर्तमान स्थिति से सचिव को अवगत कराया। उन्होंने बताया कि प्राधिकरण स्तर पर अधिकांश कार्य पहले ही पूरे हो चुके हैं और शेष कार्य निर्धारित समयसीमा में संपन्न किए जा रहे हैं। सचिव बर्निया ने कहा, “यह परियोजना शहर के पुराने व्यापारिक ढांचे को नया जीवन देगी। हम पारदर्शिता और गुणवत्ता के साथ समयबद्ध कार्य सुनिश्चित करेंगे, ताकि व्यापारियों और आमजन को शीघ्र लाभ मिले।”
भूखंड आवंटन और भुगतान प्रक्रिया
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन भू-स्वामियों की पत्रावलियां न्यायिक प्रक्रिया में लंबित नहीं हैं और स्वामित्व सिद्ध हो चुका है, उन्हें शीघ्र भूखंड आवंटन एवं धनराशि वितरण में शामिल किया जाएगा।

3 नवंबर से रजिस्ट्री कार्य शुरू
सचिव बर्निया ने निर्देश दिए कि 3 नवंबर 2025 से रजिस्ट्री कार्य प्रारंभ हो। पात्र भू-स्वामियों की रजिस्ट्री समयबद्ध रूप से पूरी की जाएगी, जिससे परियोजना के अगले चरण आगे बढ़ सकें।
15 दिनों में स्वयं ध्वस्तीकरण का शपथ पत्र जरूरी
रजिस्ट्री से पूर्व प्रत्येक भू-स्वामी से शपथ पत्र (अफिडेविट) लिया जाएगा, जिसमें उल्लेख होगा कि रजिस्ट्री की तिथि से 15 दिनों के भीतर वे प्रभावित निर्माण स्वयं ध्वस्त करेंगे। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो एमडीडीए, पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन संयुक्त रूप से कार्रवाई करेंगे, और भू-स्वामी की कोई आपत्ति स्वीकार नहीं होगी।
शहरी पुनर्गठन की दिशा में कदम: मोहन सिंह बर्निया
सचिव बर्निया ने कहा, “परियोजना का उद्देश्य आधुनिक बाजार विकसित करना है जो स्थानीय पहचान बनाए रखते हुए स्वच्छ, सुविधाजनक और सुव्यवस्थित हो। यह ऐतिहासिक क्षेत्र नई पहचान के साथ पुनर्जीवित होगा।”
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी का बयान
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने इसे देहरादून विकास का महत्वपूर्ण अध्याय बताया। उन्होंने कहा, “यह परियोजना सौंदर्यीकरण और व्यापारिक ढांचे को नई दिशा देगी। एमडीडीए की प्राथमिकता है कि विकास में किसी को असुविधा न हो और प्रक्रियाएं न्यायसंगत रहें। यह राज्य का सर्वश्रेष्ठ शहरी पुनर्विकास मॉडल बनेगा।”
बैठक में उपस्थित अधिकारी
बैठक में संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, अधिशासी अभियंता सुनील कुमार, टीम-ए के सहायक अभियंता राजेंद्र बहुगुणा, टीम-बी के सहायक अभियंता निशांत कुकरेती और उनकी टीमें उपस्थित रहीं।
यह बैठक परियोजना के समयबद्ध क्रियान्वयन की दिशा में मजबूत कदम साबित हुई है।

