एमडीडीए ने आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना की समीक्षा की, 15 दिनों में पुराने निर्माण ध्वस्त करने का निर्णय
देहरादून – मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने देहरादून शहर के सुनियोजित विकास को गति देने के लिए आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित की। उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में संबंधित विभागों के अधिकारी, आढ़त बाजार एसोसिएशन के पदाधिकारी और स्थानीय प्रतिनिधि मौजूद रहे। बैठक में परियोजना के प्रमुख बिंदुओं पर विस्तृत चर्चा हुई और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। लेखपाल नजीर अहमद ने उपाध्यक्ष तिवारी को निर्माणाधीन आढ़त बाजार की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया, जिसमें बताया गया कि प्राधिकरण स्तर पर अधिकांश कार्य पहले ही पूर्ण हो चुका है।
पुराने निर्माणों पर समयबद्ध निर्णय
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि पुराने आढ़त बाजार के मालिक अपनी संपत्तियों को रजिस्ट्री के माध्यम से लोक निर्माण विभाग (PWD) को हस्तांतरित करेंगे। साथ ही, भूखंड आवंटन और नकद प्रतिकर प्रक्रिया 3 नवंबर 2025 से समानांतर रूप से शुरू होगी। निर्णय के अनुसार, रजिस्ट्री करते समय स्पष्ट उल्लेख होगा कि संबंधित भू-स्वामी रजिस्ट्री के 15 दिनों के भीतर पुराने निर्माण को स्वेच्छा से ध्वस्त करेंगे और छह महीनों के भीतर नए आढ़त बाजार में अपना निर्माण कार्य पूरा करेंगे।
10 वर्षों तक क्रय-विक्रय पर प्रतिबंध
उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बैठक में कहा कि आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना देहरादून के लिए एक मॉडल प्रोजेक्ट साबित होगी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य सभी प्रभावित व्यापारियों को सम्मानजनक पुनर्वास और आधुनिक सुविधाओं के साथ स्थानांतरित करना है। एमडीडीए की प्राथमिकता पारदर्शी और जनहितकारी कार्यप्रणाली है, जिसमें व्यापारियों के हितों की रक्षा और विकास कार्यों में समयबद्धता सुनिश्चित होगी।” उन्होंने यह भी निर्णय लिया कि प्राधिकरण द्वारा आवंटित भूखंड का 10 वर्षों तक कोई क्रय-विक्रय प्रतिबंधित रहेगा, ताकि पुनर्विकास का उद्देश्य सुरक्षित रहे। साथ ही, पुराने आढ़त बाजार के चौड़ीकरण कार्य के लिए लेफ्ट और राइट साइड के लिए दो अलग-अलग टीमें गठित करने के निर्देश दिए गए।
ट्रैफिक व्यवस्था में राहत की उम्मीद
उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि आढ़त बाजार के स्थानांतरण और चौड़ीकरण से सहारनपुर चौक से प्रिंस चौक तक लगने वाले भीषण जाम से आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। उन्होंने जोर देकर कहा, “यह परियोजना न केवल व्यापारिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यातायात और शहरी सौंदर्य के लिए भी आवश्यक है। इससे देहरादून की ट्रैफिक व्यवस्था सुव्यवस्थित होगी और नागरिकों को सहज आवागमन का लाभ मिलेगा।”
सुनियोजित विकास की दिशा में कदम: मोहन सिंह बर्निया
प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा, “आढ़त बाजार पुनर्विकास परियोजना एमडीडीए की सुनियोजित विकास की महत्वपूर्ण पहल है। इसका उद्देश्य पारंपरिक व्यापारिक ढांचे को आधुनिक रूप देना और व्यापारियों को स्वच्छ, सुरक्षित व सुविधाजनक कार्यस्थल प्रदान करना है। हम भूखंड आवंटन और प्रतिकर वितरण को पारदर्शी ढंग से पूरा करेंगे, ताकि कोई व्यापारी वंचित न रहे। यह परियोजना देहरादून के शहरी पुनर्निर्माण का उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी।”
बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति
बैठक में प्राधिकरण सचिव मोहन सिंह बर्निया, संयुक्त सचिव गौरव चटवाल, अधिशासी अभियंता सुनील कुमार, MDDA अधिशासी अभियंता राजेश कुमार, वित्त नियंत्रक संजीव कुमार, अधीक्षण अभियंता सुनील कुमार, अवर अभियंता सुनील उपरेती, PWD अधीक्षण अभियंता राजेश कुमार, सहायक अभियंता मुस्ताक आलम, सीओ जगदीश चंद्र पंत, आढ़त बाजार एसोसिएशन अध्यक्ष राजेंद्र गोयल, सचिव विनोद गोयल और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।
यह परियोजना देहरादून के व्यापारियों और शहरवासियों के लिए एक नया अध्याय खोलेगी, जो विकास और सुविधाओं का प्रतीक बनेगी।