देहरादून फायरिंग कांड: पुलिस ने 3 आरोपियों को दबोचा, पुरानी रंजिश बनी वजह
देहरादून के कोतवाली नगर क्षेत्र में हुई फायरिंग की गुत्थी सुलझाते हुए पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस जांच में सामने आया कि यह हमला किसी सामान्य विवाद का नतीजा नहीं था, बल्कि पीड़ित से पुरानी रंजिश के चलते आरोपियों ने उसे जान से मारने की नीयत से गोली चलाई थी।
कैसे हुआ हमला?
14 सितंबर की रात को आसिफ मलिक, निवासी मेहूवाला, अपने दोस्त हसन के साथ लालपुल से सहारनपुर चौक की ओर जा रहा था। इसी दौरान मतवाला बाग के पास काले रंग की कार में बैठे कुछ लोगों ने उन्हें रुकने का इशारा किया। जब आसिफ और उसका दोस्त नहीं रुके, तो कार सवार बदमाशों ने ओवरटेक कर दो बार फायरिंग कर दी।
घटना के तुरंत बाद आसिफ ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इसके आधार पर अज्ञात हमलावरों के खिलाफ कोतवाली नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस टीमों को जांच में लगाया गया।
ऐसे पकड़े गए आरोपी
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज खंगाले और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर तीन आरोपियों – यश ठाकुर, देवराज और प्रिंस रोसवाल – को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, मुख्य आरोपी यश ठाकुर की पीड़ित आसिफ उर्फ बाबा से पुरानी दुश्मनी थी। इसी रंजिश को खत्म करने के लिए उसने अपने साथियों के साथ मिलकर इस हमले की योजना बनाई थी।
और कौन-कौन शामिल?
जांच में पता चला कि इस वारदात में कुल सात आरोपी शामिल थे। गिरफ्तार तीन आरोपियों के अलावा ऋतिक, सागर, भानु और उधम प्रधान भी इसमें शामिल थे।
- मतवाला बाग पर फायरिंग भानु और सागर ने की थी।
- घटना के बाद भानु ने अपने साथियों संग कनखल में और उधम प्रधान ने रुड़की में भी फायरिंग की।
- हरिद्वार पुलिस ने दोनों को पिस्टल समेत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
- फिलहाल ऋतिक और सागर की तलाश जारी है।
पुलिस का बयान
कोतवाली नगर प्रभारी प्रदीप पंत ने बताया कि इस मामले में पुरानी रंजिश ही मुख्य वजह थी। आरोपी पूरी तैयारी और योजना बनाकर देहरादून आए थे। उन्होंने पीड़ित की गाड़ी और उसकी लोकेशन की जानकारी इकट्ठा की थी, जिसके बाद इस वारदात को अंजाम दिया गया।
पुलिस ने साफ किया कि बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज़ी से जारी हैं और जल्द ही पूरे गिरोह को सलाखों के पीछे डाल दिया जाएगा।