2027 की तैयारी: उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति में युवा और महिला नेतृत्व को फ्रंट-रो में लाने का स्पष्ट संकेत है।
14 सितंबर 2025 को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उत्तराखंड के लिए अपने नए प्रदेश पदाधिकारियों की सूची जारी की, जिसमें दीप्ति रावत भारद्वाज को प्रदेश महामंत्री के महत्वपूर्ण दायित्व से नवाज़ा गया। यह नियुक्ति न केवल उनकी संगठनात्मक कुशलता और राजनीतिक प्रखरता का प्रमाण है, बल्कि यह उत्तराखंड में भाजपा की 2027 की चुनावी रणनीति में युवा और महिला नेतृत्व को केंद्र में लाने की दिशा में एक ठोस कदम भी है। राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव के रूप में पहले से ही सक्रिय दीप्ति रावत का यह नया दायित्व, नीति, मैदान और संगठन के त्रिवेणी संगम पर उनकी सशक्त उपस्थिति को रेखांकित करता है।
प्रारंभिक जीवन और छात्र राजनीति: नेतृत्व की पहली सीढ़ी
दीप्ति रावत भारद्वाज का राजनीतिक सफ़र दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रसंघ (DUSU) के गलियारों से शुरू हुआ। 2002-03 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के टिकट पर DUSU की महासचिव चुनी गईं। यह उपलब्धि उनके नेतृत्व की प्रारंभिक छाप थी, जो संगठनात्मक कौशल, वैचारिक स्पष्टता और जनसंपर्क की उनकी स्वाभाविक क्षमता को दर्शाती है। छात्र राजनीति में यह पहला कदम उनके लिए एक मज़बूत नींव साबित हुआ, जिसने उन्हें राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर संगठनात्मक भूमिकाओं के लिए तैयार किया।
उच्च शिक्षा में प्रशासनिक योगदान: नीति निर्माण का प्रारंभ
उत्तराखंड सरकार ने दीप्ति रावत को उच्च शिक्षा उन्नयन/सलाहकार समिति की उपाध्यक्ष (राज्यमंत्री दर्जा) के रूप में नियुक्त किया, जिसने उनके प्रशासनिक कौशल को एक नया आयाम दिया। इस भूमिका में उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नीतिगत सुधारों और शैक्षिक ढांचे के सुदृढ़ीकरण में योगदान दिया। उनकी यह उपलब्धि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चित रही—आइसलैंड की सरकारी वेबसाइट ने उन्हें “Vice Chairman, Higher Education, Government of Uttarakhand” के रूप में उल्लेखित किया, जबकि 2018 में फ़ाइनेंशियल एक्सप्रेस ने उन्हें “vice-president of the higher education committee” के रूप में मान्यता दी। यह उल्लेख उनके कूटनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव को रेखांकित करता है, जो उत्तराखंड जैसे पहाड़ी राज्य के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।
संगठनात्मक कौशल: मैदान से रणनीति तक
दीप्ति रावत की संगठनात्मक क्षमता का सबसे उज्ज्वल प्रदर्शन उनकी चुनावी और संगठनात्मक ज़िम्मेदारियों में देखने को मिलता है। गुजरात विधानसभा चुनाव (2022-23): महिला मोर्चा की प्रभारी के रूप में, उन्होंने महिला मतदाताओं के बीच बूथ-स्तरीय सक्रियता और मतदान प्रतिशत बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनकी रणनीति ने न केवल महिला वोटर टर्नआउट को बल दिया, बल्कि भाजपा की “महिला सशक्तिकरण” की छवि को भी मज़बूती प्रदान की।
जम्मू और अन्य राज्यों में सक्रियता: दीप्ति ने जम्मू-कश्मीर सहित विभिन्न राज्यों में प्रेस ब्रीफिंग्स और संगठनात्मक बैठकों के माध्यम से महिला और सामाजिक मुद्दों पर पार्टी की नीतियों को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया। उनकी वक्तृत्व कला और स्पष्टवादी शैली ने उन्हें मीडिया और कार्यकर्ताओं के बीच एक मज़बूत आवाज़ बनाया। उत्तराखंड में ज़मीनी सक्रियता: देहरादून के ग्रामीण क्षेत्रों में महिला समूहों के बीच उनके अभियान, जैसे “महिलाएँ भाजपा की पहली पसंद”, ने संगठन को जमीनी स्तर पर मज़बूत किया। यह उनकी जनसंपर्क की सहजता और स्थानीय मुद्दों के प्रति गहरी समझ को दर्शाता है।
राष्ट्रीय भूमिका: भाजपा महिला मोर्चा की मज़बूत स्तंभ
वर्तमान में दीप्ति रावत भारद्वाज भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय महासचिव के रूप में कार्यरत हैं। इस भूमिका में उन्होंने महिला सशक्तिकरण, सामाजिक समावेशन और पार्टी की नीतियों को जन-जन तक पहुँचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 2021 में उत्तराखंड के चुनावी संदर्भ में उनकी एक प्रेस ब्रीफिंग में उन्होंने कांग्रेस पर “महिला प्रतिनिधित्व को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करने” का आरोप लगाया और भाजपा की योजनाओं, जैसे उज्ज्वला, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ और महिला आरक्षण विधेयक को सामने रखकर पार्टी की प्रगतिशील छवि को रेखांकित किया। उनकी यह वैचारिक स्पष्टता और तार्किक दृष्टिकोण उन्हें राष्ट्रीय मंच पर एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनाता है।
मान्यताएँ और सम्मान: उपलब्धियों का साक्ष्य
दीप्ति रावत को उनके योगदान के लिए कई सम्मान प्राप्त हुए हैं। YFLO-FICCI द्वारा “यंग अचीवर्स अवॉर्ड” (राजनीतिक श्रेणी) उनकी नेतृत्व क्षमता और सामाजिक प्रभाव का प्रमाण है। इस समारोह में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति ने इस सम्मान के महत्व को और बढ़ाया। यह पुरस्कार उनकी युवा ऊर्जा, संगठनात्मक दृष्टि और सामाजिक मुद्दों के प्रति संवेदनशीलता को रेखांकित करता है।
इस नियुक्ति का व्यापक निहितार्थ
दीप्ति रावत की यह नई ज़िम्मेदारी उत्तराखंड में भाजपा की रणनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। उनकी नियुक्ति निम्नलिखित बिंदुओं को रेखांकित करती है: महिला नेतृत्व का उभार: राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर पर महिला नेतृत्व को बढ़ावा देना भाजपा की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है। दीप्ति की यह नियुक्ति इस दिशा में एक ठोस कदम है। 2027 की तैयारी: उत्तराखंड में 2027 के विधानसभा चुनावों की रणनीति में युवा और महिला नेतृत्व को फ्रंट-रो में लाने का स्पष्ट संकेत है। दीप्ति का अनुभव और ज़मीनी नेटवर्क इस दिशा में महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। नीति और मैदान का समन्वय: उच्च शिक्षा में उनके प्रशासनिक अनुभव और संगठनात्मक गतिविधियों में उनकी सक्रियता नीति निर्माण और ज़मीनी कार्यान्वयन के बीच एक सेतु बनाती है।
दीप्ति रावत भारद्वाज का राजनीतिक सफ़र एक प्रेरक कथा है—छात्र राजनीति की उग्र ऊर्जा से लेकर प्रशासनिक नीति-निर्माण और संगठनात्मक नेतृत्व तक, उन्होंने हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ी है। उनकी नई ज़िम्मेदारी उत्तराखंड में भाजपा की रणनीति को न केवल मज़बूती देगी, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेगी कि महिला नेतृत्व और युवा ऊर्जा संगठन के केंद्र में रहे। उनकी वैचारिक स्पष्टता, ज़मीनी सक्रियता और नीतिगत समझ उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में स्थापित करती हैं, जो न केवल संगठन को दिशा दे सकती हैं, बल्कि समाज के व्यापक हितों को भी साध सकती हैं।
Deepti Rawat Bhardwaj
BJP Uttarakhand General Secretary
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