उत्तराखंड एसटीएफ ने नकली दवा गिरोह के दो और सदस्यों को किया गिरफ्तार, अब तक 12 लोग पकड़े गए
उत्तराखंड एसटीएफ ने नकली दवाइयां बनाने वाले एक बड़े गिरोह के दो और सदस्यों, प्रदीप कुमार और उनकी पत्नी श्रुति डाबर, को पंजाब के जिरकपुर से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के अब तक कुल 12 सदस्यों को हिरासत में लिया जा चुका है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह भुल्लर ने बताया कि मई 2025 में गिरफ्तार अभियुक्त संतोष कुमार से ब्रांडेड दवा कंपनियों के नकली रैपर, बाहरी डिब्बे और क्यूआर कोड भारी मात्रा में बरामद किए गए थे। मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी, और तब से लगातार इस गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरफ्तारियां की जा रही हैं।
प्रदीप कुमार ने नवीन बंसल के साथ मिलकर नकली दवाइयों का धंधा शुरू किया था। उसने अपनी पत्नी श्रुति डाबर के नाम पर एक फर्जी फर्म ‘साईं फार्मा’ स्थापित की थी। दोनों आरोपी देहरादून के सेलाकुई और हरिद्वार से नकली दवाइयों का सामान लाते थे और उसे अलग-अलग स्थानों पर पैक करते थे। इसके बाद नोबेल फार्मेसी, पंचकूला की मदद से एंबुलेंस के जरिए इन नकली दवाइयों को विभिन्न राज्यों में सप्लाई किया जाता था।
प्रदीप कुमार देहरादून के एक निजी अस्पताल में केयर प्वाइंट मेडिकल स्टोर भी संचालित करता था और कोरोना काल में नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचने के आरोप में जेल जा चुका है। पुलिस को साईं फार्मा के बैंक खाते से 14 करोड़ रुपये के लेनदेन का भी पता चला है। एसटीएफ इस मामले की गहन जांच कर रही है।