उत्तराखंड में आपदा ने दिए गहरे घाव, शिक्षक दिवस पर टूटी कक्षाओं की गूंज
Teachers Day 2025 Special Report
उत्तराखंड में इस बार शिक्षक दिवस उत्सव नहीं, बल्कि आपदा से बिखरे स्कूलों का दर्द लेकर आया है। मानसून सीजन की तबाही ने राज्य की शिक्षा व्यवस्था को झकझोर दिया है। कई जिलों के विद्यालय क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और हजारों छात्र-छात्राओं की पढ़ाई बाधित है।
मानसून बना आफत
इस बार बारिश और आपदा ने उत्तराखंड को गहरे जख्म दिए। जहां गांव उजड़े, वहीं स्कूल भी टूटकर बच्चों के भविष्य पर काले बादल ले आए। शिक्षा विभाग ने कार्यक्रमों की बजाय इस बार शिक्षक दिवस से पहले क्षतिग्रस्त विद्यालयों की रिपोर्ट तैयार करने पर ज्यादा ध्यान दिया।
सबसे ज्यादा नुकसान उधम सिंह नगर और देहरादून को
- उधम सिंह नगर: 279 बेसिक और 26 माध्यमिक विद्यालय क्षतिग्रस्त
- देहरादून: 227 बेसिक और 44 माध्यमिक विद्यालय प्रभावित
- पूरे प्रदेश में: 1065 बेसिक और 344 माध्यमिक विद्यालयों को क्षति
शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत के अनुसार, पहली बार क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत के लिए आपदा मद से धनराशि दी जा रही है।
80 करोड़ से अधिक का नुकसान
स्कूली शिक्षा को अब तक करीब 71.34 करोड़ का नुकसान हुआ है, जबकि उच्च शिक्षा में लगभग 9 करोड़ का अनुमानित नुकसान है।
- बेसिक शिक्षा: 51 करोड़ 36 लाख
- माध्यमिक शिक्षा: 19 करोड़ 97 लाख
प्रभावित जिले
- गढ़वाल मंडल: पौड़ी (166 स्कूल), चमोली (111), टिहरी (85), रुद्रप्रयाग (67), उत्तरकाशी (21), हरिद्वार (88)
- कुमाऊं मंडल: नैनीताल (80), अल्मोड़ा (79), चंपावत (72), बागेश्वर (53), पिथौरागढ़ (11)
आगे की चुनौती
कई पर्वतीय क्षेत्र अब भी बाकी इलाकों से कटे हुए हैं। बच्चों की पढ़ाई बाधित है और दाखिला प्रक्रिया में भी मुश्किलें आई हैं। हालांकि शिक्षा विभाग ने दाखिले की समय सीमा बढ़ा दी है और प्रभावित क्षेत्रों में विशेष कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
उम्मीद बाकी है
सैकड़ों स्कूलों की इमारतें टूट गईं, लेकिन शिक्षक दिवस पर उम्मीद टूटी नहीं। भरोसा है कि पुनर्निर्माण के साथ शिक्षा का दीपक फिर से जल उठेगा और आने वाले कल के लिए बच्चों का भविष्य सुरक्षित होगा।