मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के साथ किया संवाद
देहरादून, 04 सितंबर 2025 – मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्य सेवक संवाद के तहत वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के साथ संवाद किया। इस अवसर पर उन्होंने दिव्यांग शादी अनुदान एवं राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का सॉफ्टवेयर लॉन्च किया और समाज कल्याण विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं के तहत दी जा रही पेंशन की वित्तीय वर्ष 2025-26 की पांचवीं किश्त का ऑनलाइन भुगतान किया।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि दिव्यांग युवक-युवती से विवाह करने पर प्रोत्साहन अनुदान राशि को 25,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये किया जाएगा। इसके साथ ही, दिव्यांग छात्रवृत्ति योजना के तहत कक्षा 1 से 8 तक के दिव्यांग छात्र-छात्राओं के लिए आय सीमा को समाप्त किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में एक-एक वृद्धाश्रम की व्यवस्था की जाएगी।
मुख्य सेवक सदन में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों का स्वागत करते हुए कहा कि उनके आशीर्वाद से ही उन्हें राज्य के मुख्य सेवक के रूप में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने बताया कि इस संवाद का उद्देश्य लोगों की समस्याओं और आवश्यकताओं को सीधे जानना है, ताकि उनके समाधान के लिए ठोस कदम उठाए जा सकें। उन्होंने जोर देकर कहा कि योजनाओं का लाभ तभी मिलता है जब वे पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ जमीनी स्तर तक पहुंचें और लाभार्थी इसे महसूस करें कि सरकार उनकी जिंदगी को बेहतर बना रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकों के सशक्तिकरण के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने “विकलांग” शब्द की जगह “दिव्यांग” को अपनाकर दिव्यांगजनों में आत्मसम्मान जागृत करने का महत्वपूर्ण कार्य किया। आज उनके नेतृत्व में दिव्यांग सशक्तिकरण अधिनियम 2016, सुगम्य भारत अभियान, ए.डी.आई.पी. योजना, दीनदयाल दिव्यांगजन पुनर्वास योजना, दिव्यांगजन स्वावलंबन योजना, और छात्रवृत्ति-पेंशन योजनाओं के माध्यम से दिव्यांग कल्याण के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री की प्रेरणा से 96,000 से अधिक दिव्यांगजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है। 18 वर्ष से अधिक आयु के 86,000 से अधिक दिव्यांगजनों को 1,500 रुपये मासिक पेंशन और 18 वर्ष से कम आयु के 8,000 से अधिक बच्चों के भरण-पोषण के लिए 700 रुपये मासिक सहायता दी जा रही है। इसके अलावा, तीलू रौतेली पेंशन योजना के तहत कृषि कार्य में दिव्यांग हुए लोगों और 4 फीट से कम ऊंचाई वाले व्यक्तियों को 1,200 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “दिव्यांग विवाह प्रोत्साहन योजना” के तहत विवाह पर 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जिसका सॉफ्टवेयर लॉन्च होने से अब पात्र लाभार्थियों को पारदर्शिता के साथ लाभ मिलेगा। उन्होंने बताया कि देहरादून में हाल ही में प्रधानमंत्री दिव्याशा केंद्र का शुभारंभ हुआ, जहां दिव्यांग बच्चों को प्रारंभिक हस्तक्षेप सुविधा मिलेगी। आने वाले समय में ऐसे केंद्र सभी जनपदों में खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग 6 लाख वृद्धजनों को डीबीटी के माध्यम से पेंशन सीधे बैंक खातों में दी जा रही है। वर्तमान में बागेश्वर, चमोली और उत्तरकाशी में राजकीय वृद्धाश्रम संचालित हैं, जबकि देहरादून, अल्मोड़ा और चम्पावत में नए भवन बन रहे हैं। हरिद्वार, उधमसिंह नगर और नैनीताल में गैर-सरकारी संगठनों द्वारा वृद्धाश्रम चलाए जा रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि बदलते समय के साथ रिश्तों में आई चुनौतियों को देखते हुए माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण अधिनियम लागू किया गया है, जिससे बुजुर्ग अपने बच्चों से भरण-पोषण की मांग कर सकें। मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों को आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा और सुविधाओं में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री श्री गणेश जोशी, विधायक श्री खजानदास, श्रीमती सविता कपूर, मेयर देहरादून श्री सौरभ थपलियाल, वरिष्ठ नागरिक कल्याण परिषद के उपाध्यक्ष श्री नवीन वर्मा, श्रीमती शांति मेहरा, सचिव समाज कल्याण श्री श्रीधर बाबू अदह्यांकी, अपर सचिव श्री प्रकाश चंद्र, निदेशक समाज कल्याण श्री चंद्र सिंह धर्मशक्तु, और निदेशक जनजाति कल्याण श्री संजय टोलिया उपस्थित रहे।