धराली आपदा: मलबे में जिंदगी की तलाश जारी, सेना-पुलिस ने तेज की रेस्क्यू की रफ्तार
उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण आपदा का आज छठवां दिन है, लेकिन राहत और बचाव कार्य लगातार युद्धस्तर पर जारी है। उत्तराखंड पुलिस, सेना, एसडीआरएफ और अन्य एजेंसियां मलबे में दबी जिंदगियों को खोजने के लिए मानव शक्ति, मशीनरी, ड्रोन और स्नीफर डॉग्स का सहारा ले रही हैं।
हेलीकॉप्टर से बड़े पैमाने पर रेस्क्यू
अब तक हेलीकॉप्टरों के 260 से अधिक फेरे लगाकर सैकड़ों लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया जा चुका है। मातली में एयरबेस से 8 हेलीकॉप्टर (चिनूक, एमआई-17, एएलएच, चीता) लगातार उड़ान भर रहे हैं। इनके जरिए न सिर्फ राहत सामग्री भेजी जा रही है, बल्कि आपदा पीड़ितों को एयरलिफ्ट कर चिन्यालीसौड़ और जौलीग्रांट तक पहुंचाया जा रहा है।
ड्रोन और सोशल मीडिया से मिले सुराग
पुलिस ड्रोन से संभावित स्थानों की पहचान कर सर्च ऑपरेशन चला रही है। महाराष्ट्र के 24 सदस्यीय दल के लापता होने की सूचना मिलने पर जांच की गई और सभी को सुरक्षित रेस्क्यू कर हरिद्वार पहुंचा दिया गया।
हर कोने में तलाश
टीमें मलबे, नदी किनारों, झाड़ियों और रेत में भी तलाश कर रही हैं। हर पत्थर और मलबे के ढेर में जिंदगी की उम्मीद ढूंढी जा रही है। हर्षिल आपदा क्षेत्र में 24×7 पुलिस कंट्रोल रूम से सभी रेस्क्यू टीमों के साथ तालमेल बनाए रखा जा रहा है।
गंगोत्री हाईवे बहाली का काम तेज
गंगनानी (लिम्चागाड़) के पास वैली ब्रिज निर्माण अंतिम चरण में है। सोनगाड़, डबरानी, हर्षिल और धराली में अवरुद्ध गंगोत्री हाईवे को जल्द खोलने के लिए तेज गति से काम हो रहा है।

