उत्तराखंड में कुदरत का कहर! धराली में रेस्क्यू युद्धस्तर पर जारी, अब तक 5 की मौत
उत्तरकाशी में तबाही: सेना, ITBP और SDRF की टीमें जुटीं राहत कार्य में
उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में आई भयावह प्राकृतिक आपदा के बाद राहत एवं बचाव कार्य 6 अगस्त को भी जारी है। बादल फटने जैसे हालातों के बीच सेना, ITBP, NDRF, SDRF और स्थानीय पुलिस युद्धस्तर पर राहत कार्यों में लगी हैं। अब तक 5 लोगों की मौत हो चुकी है और 190 से अधिक लोगों को रेस्क्यू किया गया है। कई लोग अभी भी लापता हैं, वहीं सेना के कैंप को भी नुकसान पहुंचा है।
गंगोत्री हाईवे वाशआउट, हेलीकॉप्टर ही एकमात्र सहारा
गंगोत्री नेशनल हाईवे जगह-जगह से वाशआउट हो गया है। BRO का पुल भी गंगगनी के पास बह गया, जिससे हर्षिल, धराली और गंगोत्री का संपर्क टूट गया है। प्रशासन को केवल हेली सेवा के जरिए ही आपदाग्रस्त क्षेत्रों में पहुंचना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री धामी का ग्राउंड निरीक्षण
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद धराली और हर्षिल क्षेत्र का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि हर जान कीमती है, राहत कार्य तेजी से और समन्वय के साथ किए जा रहे हैं। उन्होंने आपदा स्थल पर ही जिम्मेदारी निभाने के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात किया है।

135 लोगों को रेस्क्यू किया गया, 200 अभी भी फंसे
अब तक धराली और आसपास के इलाकों से 135 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। करीब 200 लोग गांव के भीतर फंसे हैं, जिन्हें निकालने के लिए सेना अस्थाई रास्ता बना रही है। SDRF और ITBP मिलकर भारी मलबे में रास्ता बनाने में जुटे हैं।
मातली ITBP अस्पताल में भर्ती घायल
धराली से दो घायलों को SDRF ने हेलीपैड के जरिए रेस्क्यू कर मातली ITBP अस्पताल में भर्ती कराया है।
विशेष डॉक्टरों की टीम तैनात
आपदा क्षेत्र में तत्काल चिकित्सा सेवा के लिए 11 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम भेजी गई है, जिसमें सर्जन, ऑर्थो और फिजिशियन शामिल हैं।
रामनगर में कोसी नदी उफान पर, खतरे की स्थिति
कुमाऊं क्षेत्र में लगातार हो रही बारिश के चलते रामनगर में कोसी नदी का जलस्तर 38 हजार क्यूसेक से ऊपर पहुंच गया है। नजदीकी बस्तियों पर खतरा मंडरा रहा है।
टिहरी झील का जलस्तर बढ़ा, गंगा और अलकनंदा नदी उफान पर
पिछले 24 घंटों में टिहरी, नरेंद्रनगर और धनौल्टी जैसे क्षेत्रों में भारी वर्षा दर्ज की गई है। टिहरी झील का जलस्तर 805.94 मीटर तक पहुंच गया है। गंगा और अलकनंदा नदियों में भी जलस्तर बढ़ा है, जिससे निचले क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है।
हर्षिल हेलीपैड डूबा, मौसम साफ होने पर ही उड़ान संभव
UCADA के CEO ने बताया कि राहत कार्य के लिए 4-5 हेलीकॉप्टर तैयार हैं, लेकिन लगातार बारिश के कारण हर्षिल हेलीपैड डूबा हुआ है, उड़ानें रुक गई हैं।
मोदी और शाह की निगरानी, केंद्र से हर संभव मदद का आश्वासन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री धामी से बात कर राहत कार्यों की जानकारी ली और हर संभव मदद का भरोसा दिया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। उत्तराखंड के सांसदों ने दिल्ली में उच्चस्तरीय बैठक की।
जियोलॉजिस्ट का दावा: बादल नहीं फटा, ग्लेशियर डिपाजिट से मलबा टूटा
मौसम विभाग ने बादल फटने से इनकार किया है। भूटान स्थित PHP-1 के जियोलॉजिस्ट इमरान खान के अनुसार, धराली से 7 किमी ऊपर स्थित ग्लेशियर डिपाजिट डेबरी का बड़ा हिस्सा टूटकर नीचे गिरा, जिससे 1.12 वर्ग किमी क्षेत्र में मलबा फैला।
20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत
राज्य आपदा मोचन निधि से 20 करोड़ रुपए आपदा राहत कार्यों के लिए जारी किए गए हैं। वहीं कांग्रेस ने भी एक प्रतिनिधि मंडल भेजा है।