उत्तराखंड के अग्निवीर अब करेंगे बाघों की रखवाली, कॉर्बेट में बनेगी ‘टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स’
देहरादून। अंतरराष्ट्रीय टाइगर दिवस के मौके पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बाघ संरक्षण को लेकर एक बड़ी और ऐतिहासिक घोषणा की है। उन्होंने ऐलान किया कि कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में गठित की जा रही टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स में राज्य के अग्निवीरों को सीधी तैनाती दी जाएगी। यह कदम न सिर्फ बाघों की सुरक्षा को मजबूती देगा, बल्कि अग्निपथ योजना के तहत प्रशिक्षित युवाओं को एक नया करियर विकल्प भी उपलब्ध कराएगा।
80 से अधिक अग्निवीरों की होगी भर्ती
मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि इस फोर्स में 80 से ज्यादा युवाओं की सीधी भर्ती की जाएगी। फोर्स का मुख्य उद्देश्य बाघों के प्राकृतिक आवास की रक्षा करना, अवैध शिकार को रोकना और वन्यजीवों से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण पाना होगा।
वन अपराधों पर लगेगी लगाम
यह विशेष बल न केवल बाघों के अवैध शिकार को रोकेगा, बल्कि लकड़ी की तस्करी, अवैध खनन और अतिक्रमण जैसे वन अपराधों पर भी नियंत्रण रखेगा। प्रशिक्षित जवान जंगलों में गश्त करेंगे, खुफिया सूचनाएं जुटाएंगे और जरूरत पड़ने पर शिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे।
तकनीक से लैस होगी टाइगर प्रोटेक्शन फोर्स
सीएम धामी ने बताया कि यह फोर्स ड्रोन, थर्मल इमेजिंग, जीपीएस ट्रैकिंग जैसे आधुनिक तकनीकी उपकरणों से लैस की जाएगी, जिससे उनकी कार्यक्षमता और प्रतिक्रिया समय में उल्लेखनीय सुधार होगा।
मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थिति में तुरंत कार्रवाई
धामी ने कहा कि यह फोर्स मानव-वन्यजीव संघर्ष की स्थितियों से निपटने में भी सक्षम होगी। जब बाघ रिहायशी इलाकों में आ जाते हैं, तो यह प्रशिक्षित बल उन्हें सुरक्षित तरीके से जंगलों में वापस ले जाने का काम करेगा, ताकि दोनों पक्षों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
सेना का अनुभव काम आएगा जंगल में
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय सेना से प्रशिक्षित अग्निवीर शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक रूप से सशक्त होते हैं। वे जंगलों में गश्त, त्वरित निर्णय और उन्नत उपकरणों के संचालन में निपुण होते हैं, जिससे यह फोर्स अत्यधिक प्रभावशाली सिद्ध होगी।
स्थानीय युवाओं को मिलेगा लाभ
धामी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड के युवाओं को इस फोर्स में प्राथमिकता दी जाएगी। स्थानीय युवाओं को अपने क्षेत्र के भूगोल, मौसम और चुनौतियों की बेहतर जानकारी होती है, जिससे वे मैदान में ज्यादा कुशलता से काम कर सकेंगे।
कॉर्बेट को मिलेगी विशेष सुरक्षा
कॉर्बेट टाइगर रिजर्व देश के सबसे महत्वपूर्ण बाघ अभयारण्यों में से एक है। इस क्षेत्र को एक अत्यधिक प्रशिक्षित बल की सुरक्षा मिलने से अवैध शिकार की घटनाओं में कमी आएगी और संरक्षण प्रयासों को ज़मीनी मजबूती मिलेगी।
राष्ट्रीय मॉडल बन सकता है उत्तराखंड का प्रयोग
सीएम धामी ने उम्मीद जताई कि यदि उत्तराखंड का यह मॉडल सफल होता है, तो देश के अन्य टाइगर रिजर्व और संरक्षित क्षेत्रों में भी इसे अपनाया जा सकता है। इससे राष्ट्रीय स्तर पर बाघ संरक्षण को नया आयाम मिलेगा और साथ ही अग्निवीरों के पुनर्वास और रोजगार का भी मजबूत मार्ग खुलेगा।